सोमवार की सुबह सीएस ने इमरजेंसी व एइएस वार्ड का लिया जायजा
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इंसेफ्लाइटिस ने बरपाया कहर, 10 नये मरीज भर्ती
सोमवार की सुबह सीएस ने इमरजेंसी व एइएस वार्ड का लिया जायजा इमरजेंसी एवं एइएस वार्ड में भर्ती बच्चों के परिजनों व चिकित्सक से की पूछताछ इलाज में लगे चिकित्सक व बीमार बच्चों के परिजनों को एहतियात बरतने की दी हिदायत जिले में इंसेफ्लाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या हुई सात, दो दर्जन से […]
इमरजेंसी एवं एइएस वार्ड में भर्ती बच्चों के परिजनों व चिकित्सक से की पूछताछ
इलाज में लगे चिकित्सक व बीमार बच्चों के परिजनों को एहतियात बरतने की दी हिदायत
जिले में इंसेफ्लाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या हुई सात, दो दर्जन से अधिक अाक्रांत
समस्तीपुर : जिले में इंसेफ्लाइटिस पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ती ही जा रही है़ सोमवार को भी चमकी बुखार से पीड़ित 10 बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. जिसमें रोसड़ा महादेव मठ निवासी फूलो पासवान की छह वर्षीया पुत्री प्रतिभा कुमारी, उजियारपुर के मालती शेखटोली निवासी अंजुम सरवर के नौ माह के पुत्र अदनान, उजियारपुर के मुरियारो निवासी चुन्नी लाल की डेढ़ वर्षीया पुत्री रेशम कुमारी, ताजपुर कसबे आहार के मो़ सज्जाद की डेढ़ वर्षीया पुत्री सोहरत परवीन, पटोरी के शाहपुर उण्डी निवासी अरविंद कुमार सिंह की सात माह की पुत्री आयुषी प्रिया, विभूतिपुर के एकडारा निवासी मृत्युंजय कुमार के डेढ़ वर्षीय पुत्र विराट कुमार एवं ताजपुर के पोखरैरा निवासी संजय राम की छह वर्षीया पुत्री मीनू कुमारी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं बेगूसराय छौड़ाही के एकम्मा के रामनारायण सहनी की ढाई वर्षीया पुत्री अनुष्का कुमारी एवं फत्तेपुर मोतीपुर निवासी विवेक कुमार शर्मा की तीन वर्षीय पुत्री इशा शर्मा को रोसड़ा अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है़ जिसमें अनुष्का को रोसड़ा से सदर अस्पताल एवं विराट एवं मीनू की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें सदर अस्पताल से डीएमसीएच रेफर कर दिया है. इधर, सोमवार की सुबह इंसेफलाइटिस पीड़ित बच्चों के भर्ती होने की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन डॉ़ सियाराम मिश्र इमरजेंसी एवं एइएस वार्ड में इलाजरत बच्चों का जायजा लेने पहुंचे़ सीएन ने पहले इमरजेंसी वार्ड का जायजा लिया.
इसके बाद उन्होंने एइएस वार्ड में पहुंचकर वहां इलाजरत सभी बच्चों की बारी-बारी से स्थिति का जायजा लिया. मौके पर मौजूद चिकित्सक डॉ़ नागमणि राज एवं डॉ़ उमाशंकर सिंह से बच्चों स्वास्थ्य में हो रहे उतार-चढ़ाव को लेकर पूछताछ की. साथ ही साथ स्वास्थ्य कर्मियों एवं अस्पताल प्रबंधक विश्वजीत रामानंद को मरीजों को पूरी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. वहीं बीमार बच्चों के परिजनों को विशेष एहतियात बरतने का भी सुझाव दिया़ बता दें कि जिले में अब तक इंसेफलाइटिस से सात बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं दो दर्जन बच्चे अक्रांत बताये जाते हैं. जिनका अलग-अलग स्थानों पर इलाज चल रहा है.
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