शहर में पानी के लिए मचा हाहाकार

समस्तीपुर : जान ले रही गर्मी के बीच शहरवासी लगातार गिरते भू-गर्भीय जलस्तर की समस्या को झेल रहे हैं. एक के बाद एक चापाकल सूखते जा रहे हैं. शहर के कई वार्डों में सामान्य मोटर पंप ने भी पानी देना बंद कर दिया है़ पानी के लिए परेशान शहरवासी अपने घरों में सबमर्सिबल लगवा रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2019 12:44 AM

समस्तीपुर : जान ले रही गर्मी के बीच शहरवासी लगातार गिरते भू-गर्भीय जलस्तर की समस्या को झेल रहे हैं. एक के बाद एक चापाकल सूखते जा रहे हैं. शहर के कई वार्डों में सामान्य मोटर पंप ने भी पानी देना बंद कर दिया है़ पानी के लिए परेशान शहरवासी अपने घरों में सबमर्सिबल लगवा रहे हैं. इन दिनों सबमर्सिबल से भी छतों पर लगे पानी की टंकी को भरने में घंटों समय लग रहा है़ भू-गर्भभीय जल का लेयर औसत से 15 से 20 फुट तक नीचे चला गया है.

शहर के कई हिस्सों भूमिगत जल का स्तर 42 से 44 फुट तक पहुंच चुका है. जलस्तर के नीचे जाने का सिलसिला लगातार जारी है़ सामान्य स्थिति में जलस्तर 25 फुट पर होता है. इसके कारण पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. चापाकलों एवं लोगों के घरों में लगे निजी पंप पानी खींचने में हांफने लगे हैं. यह स्थिति शहर के अधिकांश वार्डों में है, लेकिन नगर परिषद के अनुसार मात्र पांच वार्डों में ही सबसे खराब स्थिति है.

प्यास बुझाने के लिए नगर परिषद की व्यवस्था नाकाफी. नगर प्रबंधक राजेश कुमार झा के अनुसार वार्ड संख्या 4, 7, 8, 26, 27 में भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया है. काफी मुश्किल से पानी मिल पा रहा है. लोगों को काफी परेशानी हो रही है. नप प्रशासन लोगों को इससे राहत पहुंचाने में विफल हो रहा है. जिन्हें लोगों ने जिम्मेदारी सौंपी थी, वे अविश्वास प्रस्ताव के खेल में फंसे हुए हैं. कुछेक क्षेत्रों में पानी का टैंकर भेजकर पेयजल की समस्या को दूर करने की बात कही जा रही है, नप की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है.

अधिक गहराई वाली बाेरिंग ही लोगों के जीने का सहारा. वहीं, शहरी क्षेत्र में लगे 172 चापाकलों को दुरुस्त करने की पहल शुरू होना शेष है. लाइन भू-गर्भीय जल स्तर के लगातार नीचे जाने तथा लगातार कई वर्षों से सुखाड़ की स्थिति के कारण कुएं, तालाब सभी सूखे पड़े हैं. कम गहराई वाले चापाकल व बोरिंग बेकार साबित हो रहे हैं. अब प्यास बुझाने के लिए एकमात्र सहारा अधिक गहराई वाला बोरिंग ही है. अधिक गहराई वाला बोरिंग कराना आम लोगों के वश की बात नहीं है.

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