एक साथ सूना हो गया चकमिजाम व विशनपुर की चार मांओं का आंचल
समस्तीपुर : शाम के चार बजे तक उछल कूद करने वाले बच्चों को देखकर उनकी मां को यह तनिक भान भी नहीं था कि थोड़ी ही देर बाद इनके बच्चे काल के गाल में समाने वाले हैं. लेकिन नियति के आगे जोर चला किसका है. महज आधे घंटे बाद ही गांव में पांच बच्चों की […]
समस्तीपुर : शाम के चार बजे तक उछल कूद करने वाले बच्चों को देखकर उनकी मां को यह तनिक भान भी नहीं था कि थोड़ी ही देर बाद इनके बच्चे काल के गाल में समाने वाले हैं. लेकिन नियति के आगे जोर चला किसका है. महज आधे घंटे बाद ही गांव में पांच बच्चों की डूबने की खबर आयी़ कुछ समझते तबतक उनकी मौत की खबर भी गांव में फैल गयी.
एक ही झटके में चकमिजाम व विशनपुर की चार-चार मांओं का आंचल एक साथ सूना हो गया़ विशनपुर चौर से जैसे ही चकमिजाम के मो़ मनान के पुत्र मो़ ताज, मो़ लालबाबू की पुत्री नासरीन खातून एवं पुत्र मो़ एहसान और विशनपुर के भूषण सिंह के पुत्र सुधांशु एवं सुनील महतो के पुत्र बॉबी देओल का शव उनके दरबाजे पर पहुंचा तो कोहराम मच गया. मृत बच्चों की मांएं कलेजा पीटपीट कर उपर वाले से अपनी खता पूछ रही थी.
भाजपा जिलाध्यक्ष समेत कई जनप्रतिनिधि पहुंचे : घटना की सूचना पर प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों का भी मृतकों के घर आने का सिलसिला शुरू हो गया. भाजपा जिलाध्यक्ष राम सुमरन सिंह, भाजपा जिला प्रवक्ता प्रभात कुमार, लोजपा नेता नीरज भारद्वाज समेत कई अन्य पीड़ित परिवार के लोगों को ढाढस बंधाने में जुटे थे.
बड़े गड्ढों को घेरा होता, तो नहीं जाती जान : स्थानीय लोगों में चर्चा थी कि जगह-जगह इस तरह की घटनाएं सामने आ रही है. जिसमें बच्चों के साथ बड़े लोगों की जान भी जा रही है. यदि प्रशासन की ओर से गहरे गड्ढे खोदे जाने के बाद उसकी घेराबंदी की बंदिश लागू कर दी जाती तो शायद इस तरह की घटना से बचा जा सकता है. लोगों का कहना था कि यदि अहतियातन यह कदम उठाया गया होता तो इन बच्चों की जान भी आज नहीं जाती.