फायरिंग की घटनाएं बढ़ीं, दहशत में हैं लोग
मुफस्सिल थाना क्षेत्र में सात दिनों में हुईं पांच घटनाएं वर्चस्व व रंजिश में हो रहीं घटनाएं, लीपापोती में जुटी पुलिस समस्तीपुर :मुफस्सिल थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ हो रही फायरिंग की घटनाओं से एक तरफ जहां पुलिस सकते में है. वहीं दूसरी तरफ आम लोगों में दहशत का माहौल बनता जा रहा है. असामाजिक तत्व […]
मुफस्सिल थाना क्षेत्र में सात दिनों में हुईं पांच घटनाएं
वर्चस्व व रंजिश में हो रहीं घटनाएं, लीपापोती में जुटी पुलिस
समस्तीपुर :मुफस्सिल थाना क्षेत्र में ताबड़तोड़ हो रही फायरिंग की घटनाओं से एक तरफ जहां पुलिस सकते में है. वहीं दूसरी तरफ आम लोगों में दहशत का माहौल बनता जा रहा है. असामाजिक तत्व वर्चस्व व रंजिश को लेकर बात-बात में हथियार निकाल कर सरेआम गोलीबारी शुरू कर देते हैं. वहीं पुलिस उन पर नकेल कसने के बजाय एफआइआर दर्ज कर खानापूर्ति व लीपापोती में जुटी रहती है.
इसी का परिणाम है कि थाना क्षेत्र में अपराधिक तत्वों का मनोबल बढ़ा है. पिछले सात दिनों में सिर्फ मुफस्सिल थाना क्षेत्र में ही गोलीबारी की पांच घटनाएं सामने आ चुकी है. इन घटनाओं में अभी तक पुलिस ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है़ वैसे तो कई ऐसी भी घटनाएं हैं जो पुलिस तक पहुंच भी नहीं पायी है.
जानकारी के अनुसार 12 अगस्त की रात जितवारपुर निजामत में वर्चस्व व रंजिश को लेकर दो गुट के बीच जमकर फायरिंग हुई थी़ सूत्रों की माने तो इस दौरान करीब 25 राउंड गोली चली थी. बताया जाता है कि घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मनोज राय के घर के सामने से 5 खोखा एवं सुनील राय के घर के सामने से आधा दर्जन खोखा भी बरामद किया था.
इस घटना में एक पक्ष के आवेदन पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी. इसके बाद 13 अगस्त की रात उपद्रवियों ने बीएड कॉलेज के समीप करीब पांच राउंड फायरिंग कर हड़कंप मचा दिया था. 15 अगस्त की रात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चांदनी चौक पर भी दो गुटों ने वर्चस्व को लेकर गोलीबारी की थी.
16 अगस्त की रात नीरपुर में पुरानी रंजिश को लेकर दो पक्षों ने जमकर बवाल काटा था. इस दौरान भी फायरिंग किये जाने की बात सामने आयी थी़ कुछ इसी तरह से 17 अगस्त की रात दादपुर में भी दो गुटों में वर्चस्व को लेकर मारपीट हुई. इस दौरान दहशतगर्दों ने पैक्स भवन पर बम फेंक दिया था. जिसकी सूचना पर पुलिस जांच के लिए पहुंची भी लेकिन किसी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की.
इसको लेकर जब स्थानीय थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दादपुर में मारपीट की सूचना पर पुलिस छानबीन के लिए गयी थी़ लेकिन किसी पक्ष ने इसकी लिखित शिकायत दर्ज नहीं करायी.