आज सभी सरकारी व निजी स्कूल रहेंगे बंद

समस्तीपुर : भारी बारिश और जलजमाव को देखते हुए सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. जिलाधिकारी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि शहर के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में एक अक्तूबर को अवकाश रहेगा. यानी मंगलवार को स्कूल नहीं खुलेंगे. अब बुधवार को स्कूल जाना होगा. गांधी जयंती यानी दो अक्तूबर को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2019 12:55 AM

समस्तीपुर : भारी बारिश और जलजमाव को देखते हुए सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. जिलाधिकारी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि शहर के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में एक अक्तूबर को अवकाश रहेगा. यानी मंगलवार को स्कूल नहीं खुलेंगे. अब बुधवार को स्कूल जाना होगा. गांधी जयंती यानी दो अक्तूबर को स्कूल खोलने का आदेश दिया गया है.

इधर, लगातार हो रही बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी. शहर के कई स्थानों पर जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है. हालांकि सोमवार को बारिश शाम तक नहीं होने से लोगों ने राहत की सांस ली. इधर जिले में 60 घंटे की लगतार आफत की बारिश के बाद अब राहत के आसार नजर आ रहे हैं. सोमवार की सुबह से फिलहाल बारिश का खतरा टलता और मौसम साफ होता दिखा. इस बीच पहले की बारिश के कारण जलमग्न इलाकों में नगर परिषद के द्वारा जल निकासी का कार्य तेज कर दिया गया है.

नप प्रशासन के अनुसार शहर के चार अलग-अलग स्थानों पर जल निकासी के लिए पंपिंग सेट चलाया जा रहा है. वार्ड संख्या पांच, चौदह, बहादुरपुर,पासवान चौक पर लगे जल जमाव को दूर करने के लिए सोमवार को पंपिंग सेट लगाया गया है. इधर प्रभात खबर टीम जब शहर के ताजपुर रोड में पहुंची तो वहां कई जगहों पर गंदगी का अंबार नगर परिषद की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा था. वही बीएड कॉलेज रोड के आस पास बसे कई मोहल्ले में पानी निकासी की व्यवस्था नहीं रहने से वहां बारिश के पानी का जमाव बना हुआ था. वहीं, जहां नालियां बनी हुई है, वे जाम पड़ी थी.

लोगों का कहना था कि वार्ड में लाइट की व्यवस्था तो ठीक है. लेकिन, नालियों के पानी का समुचित निकासी व्यवस्था नहीं होने से बारिश के दौरान जलजमाव की समस्या से परेशानी होती है. वही सड़क के बीच में बने नालियों का स्लैब टूटने के कारण लोग चोटिल हो रहे है लेकिन पार्षदों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रहे है. वार्ड आठ के अधिवक्ता प्रकाश कुमार का कहना है कि वार्ड पार्षद तथा नगरपालिका की उदासीनता के चलते हल्की बारिश में भी कई जगह जलजमाव की समस्या से दो-चार होना नियति बन चुकी है.

Next Article

Exit mobile version