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एफसीआई, व्यवसायी व मोटर संघ के बीच ठनी

समस्तीपुर : माल ढुलाई के किराया दर में वृद्धि को लेकर व्यवसायी, एफसीआई व जिला मोटर व्यवसायी संघ के बीच ठन गयी है. गतिरोध यूं ही बना रहा, तो आगामी 12 अक्तूबर से ट्रक मालिक हड़ताल पर चले जायेंगे. इसको लेकर जिला मोटर व्यवसायी संघ की ओर से व्यवसायियों के साथ बैठक कर जबकि एफसीआई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2019 1:35 AM

समस्तीपुर : माल ढुलाई के किराया दर में वृद्धि को लेकर व्यवसायी, एफसीआई व जिला मोटर व्यवसायी संघ के बीच ठन गयी है. गतिरोध यूं ही बना रहा, तो आगामी 12 अक्तूबर से ट्रक मालिक हड़ताल पर चले जायेंगे. इसको लेकर जिला मोटर व्यवसायी संघ की ओर से व्यवसायियों के साथ बैठक कर जबकि एफसीआई को संगठन की ओर से पत्र भेज कर अल्टीमेटम जारी कर दिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, ट्रक मालिकों की ओर से जिला मोटर व्यवसायी संघ को पुराने दर पर मालों की ढुलाई में घाटा होने की लगातार जानकारी दी जा रही थी.

जिसे गंभीरता से लेते हुए संगठन ने गत दिनों अलग-अलग स्थानों के लिए माल ढुलाई का दर तय कर इससे संबंधित प्रस्ताव को व्यवासयियों व एफसीआई के पास रखा गया. सूत्र बताते हैं कि एफसीआई की ओर से माल ढुलाई से संबंधित किराये का दर निर्धारण टेंडर प्रक्रिया के अनुरूप किये जाने का हवाला दिया गया. जिसके लिए ट्रक मालिकों को थोड़ा सब्र करना पड़ेगा. वहीं, व्यवसायियों ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में नये दर को दरकिनार कर पुराने किराया दर में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करने का अनुरोध किया. संगठन को यह मंजूर नहीं हुआ.
जिसके बाद जिला मोटर व्यवसायी संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने एफसीआई को पत्र भेज कर आगामी 12 अक्तूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की जानकारी दे दी है. इधर, संगठन के जिला सचिव संजीव कुमार सुमन ने बताया कि व्यावसायियों को नये दर पर राजी करने का प्रयास किया जा रहा है. बात नहीं बनी, तो रैक प्वाइंट पर आने वाले निजी मालों की ढुलाई भी रोक दी जायेगी. इस तरह एफसीआई, व्यावसायियों व जिला मोटर व्यवसायी संघ के बीच गतिरोध को देखकर ट्रक मालिकों की ओर से घोषित हड़ताल तय प्रतीत होने लगा है.
पीडीएस पर पड़ेगा असर: जिला मोटर व्यवसायी संघ की ओर से यदि हड़ताल आरंभ की जाती है, तो इसका सीधा असर पीडीएस पर पड़ेगा. पर्व-त्योहार के मौसम में अनाज की ढुलाई प्रभावित होगी. जिससे पीडीएस से लाभ पाने वाले परिवारों को त्योहार के मौसम में बाजार का रुख करना पड़ेगा. बाजार में उछाल आयेगा. उपभोक्ताओं की जेबें ढीली होगी.

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