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जमानत पर छूटते ही जेल गेट से हुआ युवक का अपहरण, शराब पीने के आरोप में गया था जेल

समस्तीपुर :बिहारके समस्तीपुर में मंडल कारा से जमानत पर निकलते ही युवक का जेल गेट से अपहरण कर लिये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. अपहृत युवक पूसा थाना क्षेत्र के विशनपुर बथुआ निवासी शंकर पोद्दार का पुत्र राजू कुमार है. कथित अपहर्ताओं ने अपने आप को पुलिस बताते हुए जरूरी पूछताछ के […]

समस्तीपुर :बिहारके समस्तीपुर में मंडल कारा से जमानत पर निकलते ही युवक का जेल गेट से अपहरण कर लिये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. अपहृत युवक पूसा थाना क्षेत्र के विशनपुर बथुआ निवासी शंकर पोद्दार का पुत्र राजू कुमार है. कथित अपहर्ताओं ने अपने आप को पुलिस बताते हुए जरूरी पूछताछ के लिए नगर थाने पर ले जाने की बात कहकर घटना को अंजाम दिया.

जेल गेट के करीब मां-बाप के सामने से उस युवक को जबरदस्ती स्कार्पियो में बैठाकर कथित पुलिसकर्मी या अपहरणकर्ता भाग गये. परिजनों को लगा कि पुलिस पूछताछ के लिए ले गयी है, इसलिए रातभर उसके छूटने का इंतजार करते रहे. जब रातभर वह नहीं लौटा तो सुबह परिजन ग्रामीणों एवं सरपंच के साथ शनिवार की सुबह उसकी खोज खबर में निकले. पहले तो पूसा थानाध्यक्ष से संपर्क किया गया तो वहां से किसी पुलिस टीम द्वारा किसी को उठाकर लाने की बात स्वीकार नहीं की गयी.

इसके बाद वे नगर थाना पर पहुंचे जहां इस तरह के किसी युवक को लाने की बात पुलिस ने स्वीकार नहीं की. कुछ इसी तरह मुफस्सिल पुलिस ने भी किसी को थाने पर लाने की बात से अनभिज्ञता जतायी. इसके बाद परिजनों को उसके पुत्र के अपहरण कर लिये जाने का अहसास हुआ. बाद में परिजन फरियाद लेकर एसपी आवास पर पहुंचे. एसपी के मीटिंग में रहने के कारण उन्हें सदर डीएसपी प्रितिश कुमार के पास भेज दिया गया. परिजनों के मुताबिक डीएसपी ने मामले की छानबीन करने का आश्वासन देकर रविवार को 11 बजे मिलने की बात कहकर वापस कर दिया.

पुलिस नहीं तो कौन थे वे लोग
जेल गेट जिले का अति सुरक्षित क्षेत्र कहा जायेगा. क्योंकि उसी गेट से लगा हुआ पुलिस केंद्र भी है. जहां हमेशा सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं. इसके बावजूद सरेआम राजू को उठा लिया गया है. परिजनों के अनुसार अपहृताओं ने अपने आपको पुलिस बताया था. स्कार्पियो पर चार लोग सवार थे. उनमें दो ने अपनी कमर में हथियार रख रखा था. लेकिन, उनमें से कोई भी वर्दी में नहीं था. अगर पुलिस नहीं थी तो वे कौन लोग थे यह सोच-सोच कर परिजनों का बुरा हाल हो गया है. राजू के माता-पिता एक अंजाने डर से सहमे हुए हैं. यहां यह भी बता दें कि अगर पुलिस की टीम ने राजू को विशेष पूछताछ के लिए उठाया तो नियमत: उसके परिजनों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी.

शराब पीने के आरोप में जेल गया था राजू
राजू के पिता शंकर पोद्दार की मानें तो उनका पुत्र ऑटो चलाकर जीवन यापन करता है. उस पर किसी भी थाना में किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है और न ही किसी के साथ कोई दुश्मनी है. पूसा थाना पुलिस ने शराब पीने के आरोप में 20 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जिसके बाद शुक्रवार को जमानत होने पर वह शाम के करीब पौने आठ बजे जेल से निकला था. उसके माता-पिता एक ग्रामीण के साथ उसे लाने के लिए जेल गेट पर पहुंचे थे. लेकिन जेल से निकलते ही यह घटना हो गयी.

क्या कहते हैं अधिकारी
अपहरण की कोई बात नहीं है. उसे बाहर की पुलिस टीम ने उठाया है. परिजनों को जल्द ही उसकी सूचना मिल जायेगी. (प्रितिश कुमार, सदर डीएसपी, समस्तीपुर)

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