सदर अस्पताल में नवजात की मौत पर परिजनों का हंगामा

समस्तीपुर : सदर अस्पताल में प्रसव के बाद एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराये गये नवजात बच्चे की रविवार की दोपहर मौत हो गयी. आरोप है कि जन्म से लेकर बच्चे की मौत होने तक प्रसव कक्ष एवं एसएनसीयू में एक भी चिकित्सक नहीं थे. बच्चे की हालत बिगड़ने पर नर्सों ने ही उसका इलाज किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2019 1:14 AM

समस्तीपुर : सदर अस्पताल में प्रसव के बाद एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराये गये नवजात बच्चे की रविवार की दोपहर मौत हो गयी. आरोप है कि जन्म से लेकर बच्चे की मौत होने तक प्रसव कक्ष एवं एसएनसीयू में एक भी चिकित्सक नहीं थे. बच्चे की हालत बिगड़ने पर नर्सों ने ही उसका इलाज किया. लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका.

परिजनों को जब बच्चे की मौत की सूचना दी गयी तो वे आक्रोशित होकर हंगामा करने लगे. परिजन प्रसव कक्ष एवं एसएनसीयू वार्ड के कर्मियों एवं चिकित्सकों पर बच्चे को मार देने का आरोप लगा रहे थे. उनका कहना था कि चिकित्सक के नहीं रहने की उन्हें जानकारी तक नहीं दी गयी और न ही बच्चे को रेफर किया गया.
समय पर बच्चे का समुचित इलाज नहीं होने के कारण ही उसके बच्चे की मौत हो गयी. हंगामा की सूचना पर पहुंची नगर थाना पुलिस ने कुछ बुद्धिजीवियों की मदद से परिजनों को शांत कराया. बाद में लापरवाह कर्मियों एवं लापता डॉक्टर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई किये जाने के आश्वासन पर लोग शांत हुए.
घटना को लेकर बताया जाता है कि रविवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कर्पूरीग्राम मुकुंदपुर निवासी दिलीप कुमार की पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
प्रसव के कुछ देर बाद बच्चे की अचानक तबियत खराब हो गयी. उस समय प्रसव कक्ष में महिला चिकित्सक नहीं थी तो कर्मियों ने बच्चे को तत्काल एसएनसीयू में सिफ्ट कर दिया. लेकिन एसएनसीयू के ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ़ अनिल कुमार कंचन भी उस समय ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. नर्सों से अपने तरफ से बच्चे को बचाने का प्रयास किया लेकिन डॉक्टर के आने से पूर्व ही बच्चे की मौत हो गयी.
इससे आक्रोशित होकर परिजनों ने डीएस डॉ़ एएन शाही को घेर कर हंगामा शुरू कर दिया. बताया जाता है कि परिजनों को समझाने का डीएस ने काफी प्रयास किया. लेकिन परिजन डीएस से बच्चे की मौत का कारण पूछ रहे थे. बाद में परिजनों ने डीएस से ऑन ड्यूटी चिकित्सक के गायब रहने की लिखित जानकारी ली. इसके बाद नगर थाना में लापरवाह चिकित्सक व कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर आवेदन भी दिया.

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