जंक्शन पर तय मानक से ज्यादा हो रही पानी व ऊर्जा की खपत
रेलवे की ओर से स्टेशनों के कराये गये इनर्जी व ऑडिट सर्वे से हुआ खुलासा ऑटोमेटिक लाइन सेंसर लगने के बाद ट्रेन के आने पर जल जायेगी लाइट पानी की बर्बादी रोकने के लिए पिजोमीटर व अन्य उपाय की अनुशंसा की गयी समस्तीपुर : समस्तीपुर जंक्शन पर पानी व उर्जा की बर्बादी हो रही है. […]
रेलवे की ओर से स्टेशनों के कराये गये इनर्जी व ऑडिट सर्वे से हुआ खुलासा
ऑटोमेटिक लाइन सेंसर लगने के बाद ट्रेन के आने पर जल जायेगी लाइट
पानी की बर्बादी रोकने के लिए पिजोमीटर व अन्य उपाय की अनुशंसा की गयी
समस्तीपुर : समस्तीपुर जंक्शन पर पानी व उर्जा की बर्बादी हो रही है. यहां तय मानक से ज्यादा की खपत की जा रही है. रेलवे की ओर से कराये गये इनर्जी व वाटर ऑडिट में इस बावत जानकारी दी गयी है.
खासकर समस्तीपुर जंक्शन के प्लेटफार्म, कोच व ट्रेनों के साफ-सफाई इस पर निशाने पर रही है. जबकि उर्जा की खपत में पूराने एसी, मेन पावर सब स्टेशन शामिल हैं. सभी फीडरों में उर्जा मीटर नहीं लगाये जाने पर भी रिपोर्ट में गहरी आपत्ति करते हुये इससे उर्जा की अधिक खपत का कारण बताया है. रिपोर्ट में इन समस्याओं को दुरुस्त करने के लिये कुछ कदम उठाने की सलाह स्टेशन को दी गयी है.
जिसके बाद जंक्शन पर खपत को दायरे में लाया जा सके. बताते चलें कि अगस्त माह में रेलवे की ओर से थर्ड पार्टी ऑडट कराया गया था. जिसकी रिपोर्ट रेल मंडल को आ गयी है. इस ऑडिट रिपोर्ट में नलों से पानी के बहाव को भी नियंत्रित करने को कहा गया है. इसके लिये 180 वाटर एरिटर लगाने को कहा गया है. जिससे एक समान गति से नल से पानी निकल सके. वहीं वाटर मिटर लगाने को भी कहा गया है.
वर्षा जय संचयन नहीं करने के कारण भी स्टेशन निशाने पर रही है. इसके लिये पिजोमीटर वेल बनाने को कहा गया है. कोच के साफ-सफाई के लिये दो पाइपलाइन बनाने व पानी की खपत को कम करने के लिये कर्मियों के बीच जागरुकता व प्रशिक्षण अभियान चलाने को कहा गया है.
प्लेटफाॅर्म 4 से 7 तक ऑटोमेटिक लगी लाइट : सर्वे में समस्तीपुर जंक्शन पर बिजली की बर्बादी को भी चिन्हित किया गया है. सबसे अधिक जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 4 से 7 को चिन्हित किया गया है. खपत ज्यादा है. बिजली की खपत को कम करने के लिये कई प्रावधान सुझाये गये हैं. इसमें इन सभी प्लेटफार्म पर ऑटोमेटिक लाइट लगाने को कहा गया है जिससे ट्रेन के आगमन के समय लाइट स्वयं जल जायेगी व ट्रेन के प्रस्थान के बाद लाइट बंद हो जायेगी.
इसके अलावा स्काडा जैसे आधुनिक सिस्टम लगाने को भी कहा गया है. ट्रेनों में पानी भरने के लिये भी ऑटोमेटिक व्यवस्था करने को कहा है. जबकि ट्रांसफॉर्मर की उच्च क्षमता पर नारजगी जाहिर करते हुये उर्जा की मांग के अनुसार ट्रांसफर्मर लगाने का कदम उठाने को कहा गया है.