Impact of flood: मोहनपुर : प्रखंड में बाढ़ की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. गंगा नदी के जलस्तर में मामूली गिरावट देखी गई है. लेकिन प्रखंड के निचले इलाकों में रह रही हजारों आबादी आज भी मुश्किलों का सामना कर रही है. लोग अपने घरों में पानी भर जाने के कारण निकटतम विद्यालयों में शरण ले रखी है. मवेशियों को दूसरे गांव या निकट के ऊंचे स्थानों पर ले जाया गया है. मध्य विद्यालय सरारी में संचालित बाढ़ नियंत्रण शिविर के कर्मियों के अनुसार पिछले चौबीस घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में 26 सेंटीमीटर की गिरावट देखी गई है. लेकिन गंगा नदी अभी भी खतरे के निशान से 1.90 मीटर ऊपर बह रही है. इस बीच शनिवार की शाम से जरूरतमंदों के लिए सोलह सामुदायिक रसोईघर चालू कर दिये गये हैं. यह रसोई घर धरनीपट्टी पश्चिमी, बघडा, दक्षिणी डूमरी, राजपुर जौनापुर एवं बिशनपुर बेरी पंचायत में सामूहिक भोजन का प्रबंध कर रहे हैं. सरकारी कर्मियों के अतिरिक्त स्वयंसेवक एक-दूसरे के सहयोग में आगे आये हैं. कुछ राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने अलग से खाद्य सामग्री और जरूरत की दूसरी चीजें भी वितरित किये हैं. निचले इलाकों में भर चुके बाढ़ की पानी वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. यह गति काफी धीमी है. कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी लंबे समय तक बना रह जायेगा. गड्ढों में जल जमाव की समस्या लोगों को संक्रामक बीमारियों की आशंका से जोड़कर रखेगी. कुछ इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं भी बहाल की गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सिविल सर्जन के दौरे के बाद अस्पताल कर्मी सक्रिय दिखाई पड़ रहे हैं.
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