Loading election data...

4 दिन में 173 शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए दिये आवेदन

जिले के शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए ई- शिक्षा कोष पर आवेदन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 11, 2024 10:47 PM

समस्तीपुर : जिले के शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए ई- शिक्षा कोष पर आवेदन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि, अभी यह संख्या कम है. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में 173 शिक्षकों ने ही सोमवार दोपहर तक आवेदन किया है. शिक्षा विभाग ने 7 से लेकर 22 नवंबर तक का समय ऑनलाइन आवेदन के लिए निर्धारित किया है. ई- शिक्षा कोष पर शिक्षकों द्वारा आवेदन दिया जा रहा है. पुरुष शिक्षकों ने मौजूदा निवास स्थान, ससुराल या गांव के करीब अनुमंडल में ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शिक्षकों के आवेदन की प्रक्रिया 18 नवंबर तक ही पूरा हो जाने की संभावना है. शिक्षकों के ट्रांसफर आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने के तीसरे दिन 20 ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने पोस्टिंग के लिए कोई विकल्प नहीं भरा है. इधर, शिक्षकों की मांग है कि सर्वप्रथम प्रधानाध्यापक और विद्यालय अध्यापक उत्तीर्ण शिक्षकों का स्थानांतरण व पदस्थापन होना चाहिए. इसके बाद ही सक्षमता पास शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण किया जाना चाहिए. यह शिक्षा और शिक्षक हित में होगा. वहीं, कई शिक्षकों ने बताया कि नियोजित शिक्षकों के लिए वर्तमान स्थानांतरण और पदस्थापन नीति उन्हें पसंद नहीं आ रही है. सक्षमता पास सभी शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए नये स्थान पर योगदान करना आवश्यक है. परीक्षा लेने से पूर्व सरकार द्वारा नीति निर्धारित की गई थी जिसमें तीन जिला का विकल्प दिया गया था. प्राप्तांक के आधार पर उन्हें जिला भी आवंटित किया गया. लेकिन, वर्तमान स्थानांतरण और पदस्थापन नीति से गृह जिला प्राप्त करने वाले शिक्षकों को अपने जिला से दूर हो जाने की चिंता होने लगी है. सभी स्वयं को ठगा हुआ महसूस करने लगे हैं. ई – शिक्षा कोष पर 10 अनुमंडल की बाध्यता देकर सरकार ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ दरभंगा के प्रमंडलीय उपाध्यक्ष रणजीत कुमार ने कहा कि नयी स्थानांतरण नीति से सिर्फ़ राज्य के बाहरी शिक्षकों को ही लाभ होगा. क्योंकि उन्हें अपने राज्य के सीमा क्षेत्र के नजदीक पदस्थापित होने का मौका मिलेगा. लेकिन, बिहार के निवासी शिक्षक न सिर्फ अपने गृह अनुमंडल से बल्कि गृह जिले से भी बाहर स्थानांतरित हो जायेंगे. सरकार को महिला शिक्षिकाओं के समान ही पुरुष शिक्षकों को भी अपनी गृह पंचायत को छोड़कर पड़ोस के पंचायतों में पदस्थापन की नीति लानी चाहिए, ताकि सभी शिक्षक चिंतामुक्त होकर विद्यालय में बेहतर ढंग से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें. दूसरी तरफ 10 पंचायतों का विकल्प लेने से अधिकांश महिला शिक्षिकाएं जो अपने नैहर या ससुराल के नजदीक के विद्यालय में कार्यरत हैं, वे भी अब घर-परिवार से दूर हो जायेगी. असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को भी मनचाहा जगह मिलने की गारंटी नहीं है. शिक्षक सरकार से नियमों में बदलाव की मांग कर रहे हैं. कुछ शिक्षक संघ इसको लेकर आंदोलन की तैयारी में भी हैं. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि विभागीय निर्देशों का सभी शिक्षकों को पालन करना होगा. निर्देश का पालन नहीं करने वाले शिक्षकों पर विभागीय दिशा- निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version