खट्टे मीठे अनुभवों के साथ गुजरे 38 वर्ष
प्रतिनिधि, रोसड़ा रोसड़ा अनुमंडल स्थापना के 38 वर्ष बीत गये़ मंगलवार की संया स्थापना दिवस पर अनुमंडल कार्यालय में बिजली-बत्ती के डेकोरेशन की विशेष व्यवस्था थी़ इलेक्ट्रिक डेकोरेशन के अलावा अनुमंडल स्थापना दिवस पर प्रशासनिक स्तर से किसी भी प्रकार के आयोजन नहीं किये गये़ प्रशासन द्वारा गुपचुप तरीके से अनुमंडल स्थापना का 38 वां […]
प्रतिनिधि, रोसड़ा रोसड़ा अनुमंडल स्थापना के 38 वर्ष बीत गये़ मंगलवार की संया स्थापना दिवस पर अनुमंडल कार्यालय में बिजली-बत्ती के डेकोरेशन की विशेष व्यवस्था थी़ इलेक्ट्रिक डेकोरेशन के अलावा अनुमंडल स्थापना दिवस पर प्रशासनिक स्तर से किसी भी प्रकार के आयोजन नहीं किये गये़ प्रशासन द्वारा गुपचुप तरीके से अनुमंडल स्थापना का 38 वां वर्षगांठ मना लिये जाने पर आमजनों एवं जनप्रतिनिधियों में नाराजगी व्याप्त है लेकिन कई वषार्ें से स्थापना दिवस के विवादित आयोजन को लेकर कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है़ रोसड़ा अनुमंडल समस्तीपुर जिला का प्राचीन और प्रमुख व्यावसायिक केंद्र हैं. भौगौलिक रूप से यह बूढ़ी गंडक, करेह, कमला बलान, बागमती और नून नदियों से घिरा हुआ है़ शहर के अस्तित्व से संबंधित इतिहास के मुताबिक प्राचीन काल में जल मार्ग के द्वारा यहां दूर-दूर के व्यपारियों का आना-जाना होता था़ रोशन सिंह के नाम से शहर का नाम रोसड़ा पड़ा और इन्हीं सब कारणों से भारतीय रेल ने भी स्थानीय रेलवे स्टेशन का नाम रूसेराघाट कर रखा है़ सोमवार 1 दिसंबर को रोसड़ा अनुमंडल खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ 38 वषार्ें का सफर तय कर चुका है़ 1 दिसंबर 1976 को समस्तीपुर सदर अनुमंडल से अलग करते हुए रोसड़ा अनुमंडल की स्थापना की गयी थी़ 38 वषार्ें का सफर परिपक्वता की ओर बढ़नेवाला कदम समझा जाता है़ जिलाधिकारी एम़ रामचन्द्रदुड्डू एवं एसडीओ कुन्दन कुमार के सफल नेतृत्व में यह विकास-विस्तार के पथ पर सतत् प्रयत्नशील है़