कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं : सहायक विद्युत अभियंता
मामला शंकर टॉकिज एवं विद्युत विभाग के मुकदमेबाजी का प्रतिनिधि, रोसड़ा शंकर टॉकिज के प्रोपराइटर द्वारा न्यायालय में दायर अभियोग पत्र के आधार पर विद्युत विभाग के सहायक अभियंता को मिली चेतावनी को विभाग ने गंभीरता से लिया है़ इस मामले में वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए सहायक अभियंता धीरज कुमार सिन्हा ने बताया कि […]
मामला शंकर टॉकिज एवं विद्युत विभाग के मुकदमेबाजी का प्रतिनिधि, रोसड़ा शंकर टॉकिज के प्रोपराइटर द्वारा न्यायालय में दायर अभियोग पत्र के आधार पर विद्युत विभाग के सहायक अभियंता को मिली चेतावनी को विभाग ने गंभीरता से लिया है़ इस मामले में वस्तुस्थिति की जानकारी देते हुए सहायक अभियंता धीरज कुमार सिन्हा ने बताया कि न्यायालय से मिले निर्देश में स्थिति का खुलासा नहीं किया गया है़ विभागीय कामकाज से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए विभागीय स्तर से कार्रवाई होती है़ शंकर टॉकिज पर विद्युत भार लोड मंे अनियमितता के लिए जांचोपरांत हुई विभागीय कार्रवाई पर यदि किसी को आपत्ति दर्ज करनी हो तो इसके लिए इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 126 के तहत विभाग में ही सुनवाई होनी है़ यहां सुनवाई नहीं होने पर जिलाधिकारी एवं हाइकोर्ट की शरण ली जा सकती है़ विभागीय अभियंता ने बताया कि उक्त मामले में न्यायालय के आदेश की किसी भी दृष्टिकोण से अवहेलना नहीं हुई है़ विभागीय सहमति के बाद विभागीय अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय को विभाग के पक्षों की जानकारी दी जायेगी़ इस प्रसंग में जिलाधिकारी द्वारा गठित बिजली विभाग की विशेष जांच दल ने शंकर टॉकिज में 5 केवीए के बदले 10 केवीए का लोड पाये जाने पर अर्थदंड सुनाया था़ दंड की राशि का भुगतान नहीं किये जाने पर विद्युत विच्छेदन कर दिया गया था़ न्यायालय द्वारा स्थिति यथावत बहाल रखने का निर्देश तो मिला है लेकिन इस संबंध में विस्तृत विवरण नहीं रहने के कारण अनुपालन के लिए विभागीय उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन की मांग की गयी है.