रामायण उत्तम संस्कारों की संपूर्ण रचना : अनुपमा

फोटो फारवार्ड :::::::::शाहपुर पटोरी. मातृ प्रेरणा सत्संग संगठन के वार्षिक स्थापना समारोह के दूसरे दिन सोमवार को बहादुरपुर पटोरी महादेव स्थान पर श्रोताओं का तांता लगा रहा. प्रयागराज की अनुपमा रामायणी ने अपने विचार उद्बोधन में कहा कि रामायण संस्कारों की सम्पूर्ण रचना है. इसने पूरे विश्व को सद्कर्म, समभाव का संदेश दिया है. आज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2015 6:02 PM

फोटो फारवार्ड :::::::::शाहपुर पटोरी. मातृ प्रेरणा सत्संग संगठन के वार्षिक स्थापना समारोह के दूसरे दिन सोमवार को बहादुरपुर पटोरी महादेव स्थान पर श्रोताओं का तांता लगा रहा. प्रयागराज की अनुपमा रामायणी ने अपने विचार उद्बोधन में कहा कि रामायण संस्कारों की सम्पूर्ण रचना है. इसने पूरे विश्व को सद्कर्म, समभाव का संदेश दिया है. आज भी यह धर्मग्रंथ पूरे विश्व के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है. खलिलाबाद उार प्रदेश के सुप्रसिद्ध कथावाचक स्वामी वैराग्यानंद जी ने कहा कि कर्म से ही लोगों की पहचान होती है. गीता में भगवान कृष्ण ने बताया कि कर्मयोगी पुरूष कभी-कभी धर्म के विरुद्ध किसी भी षड्यंत्र को बरदाश्त नहीं करते. इस दौरान भजन गायकों ने भगवान के भजन गाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया. संगठन की संयोजिका रंजना मिश्रा की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम में घंटों कई धार्मिक अनुष्ठान हुए.

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