मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका अग्रणी : डीन
पूसा. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के संचार केंद्र में पांच दिनी मशरूम उत्पादन पर आत्मा के सौजन्य से प्रशिक्षण की शुरुआत हुई. इसमें मुख्य अतिथि आधार विज्ञान एवं मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डीन डॉ वीके चौधरी ने कहा कि बिहार में अनुसंधानिक कार्य पूसा से ही शुरू हो कर आज कृषि के क्षेत्र में इतना बड़ा […]
पूसा. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के संचार केंद्र में पांच दिनी मशरूम उत्पादन पर आत्मा के सौजन्य से प्रशिक्षण की शुरुआत हुई. इसमें मुख्य अतिथि आधार विज्ञान एवं मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डीन डॉ वीके चौधरी ने कहा कि बिहार में अनुसंधानिक कार्य पूसा से ही शुरू हो कर आज कृषि के क्षेत्र में इतना बड़ा योगदान दे रहा है.
तकनीक में ताकत होनी चाहिए किसान को स्वत: चुंबक की तरह खीच ले. राज्य स्तर पर पुरुष से ज्यादा मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा कर परिवार के भरण पोषण सहित व्यवसाय भी कर रही है. दूर दूर के किसान आरएयू के नवीनतम तकनीक एवं उन्न्त प्रभेद के बीज से लाभ ले रहे हैं.
पर कृषि विश्वविद्यालय के करीब रहने वाले किसान वास्तव में इस लाभ से वंचित होते प्रतीत हो रहे हैं. इससे पूर्व मुख्य अतिथि दीप जलाकर प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया. प्रसार शिक्षा के निवेशक डॉ जे पी उपाध्याय ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि प्रशिक्षण में सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों वैज्ञानिक डॉ दयाराम ने कहा कि मशरूम उत्पादन खेती बिना खेत का इसमें लाभ ही लाभ है. कम लागत, कम समय देकर चौगुना लाभ लिया जा सकता है. संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रशिक्षण प्रकोष्ठ की संयोजका सह उप निदेशक डॉ अरूणिमा कुमारी ने कहा कि सभी प्रशिक्षण में मशरूम उम्मदा किस्म का प्रशिक्षण माना जाता है. मौके पर जिले के दो दर्जन किसान सहित आत्मा पीडी गंगेश चौधरी मौजूद थे.