नवीनतम तकनीक से वीसा में 2500 प्रभेदों का आकलन

फोटो फारवार्ड ::::::::::: हवा में उड़ान भरेगी रिमोट सेंसिंग जीपीएस से लैस कॉप्टर सप्ताहभर के डाटा को करेगा घंटेभर में एकत्रितप्रतिनिधि, पूसाबॉरोलॉग इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया (वीसा) के वैज्ञानिकों ने रिमोट सेंसिंग जीपीएस से लैस कॉप्टर का इजात कर कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में नयी स्तंभ खड़ा किया. संस्थान के वरीय वैज्ञानिक डॉ राज कुमार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2015 6:02 PM

फोटो फारवार्ड ::::::::::: हवा में उड़ान भरेगी रिमोट सेंसिंग जीपीएस से लैस कॉप्टर सप्ताहभर के डाटा को करेगा घंटेभर में एकत्रितप्रतिनिधि, पूसाबॉरोलॉग इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया (वीसा) के वैज्ञानिकों ने रिमोट सेंसिंग जीपीएस से लैस कॉप्टर का इजात कर कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में नयी स्तंभ खड़ा किया. संस्थान के वरीय वैज्ञानिक डॉ राज कुमार जाट ने इस नवीनतम मशीन से फॉर्म स्थित लगे सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल में डाटा एकत्रित कर प्रत्यक्षण किया. इस मशीन के विशेषता के बारे में वीसा लुधियाना के वैज्ञानिक डॉ दलजीत सिंह एवं डॉ उत्तम कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि यह मशीन देखने में हु-ब-हू हेलीकॉप्टर के ही तरह उड़ान भरेगी. लेकिन उससे इसकी तुलना नहीं है. यह बैटरी के माध्यम से संचालन होता है. जिसे कंप्यूटर से संचालित किया जायेगा. 50 मीटर की ऊंचाई तक रहने पर सही सही डाटा चित्र सहित अपने में समाहित कैमरा में रखकर ले आता है. यह मशीन फसल की उत्पादकता सहित रासायनिक तत्वों के बारे में भी वैज्ञानिकों को आगाह कर देता है. पूसा न्यू एरिया स्थित वीसा फॉर्म में अभी फिलवक्त 2500 प्रभेदों का डाटा आकलन इस कॉप्टर मशीनी यंत्र के माध्यम से सफल होगा. इसका वजन 1.5 किलोग्राम है. इसके निर्माण की लागत 1 लाख 20 हजार रुपये आती है. वैज्ञानिकों की माने तो इस तरह का प्रत्यक्षण अनुसंधानिक शोध कार्यों को डाटा एकत्रित करने की पहल देश में प्रथम प्रत्यक्षण किया गया है. मशीन की पद्धति अमेरिका से लिया गया है. जिसे वीसा के वैज्ञानिकों ने मूर्त रूप दिया है. मौके पर संस्थान के संतोष कुमार, मनीष कुमार समेत अन्य कर्मी मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version