धार्मिक स्थलों की उपेक्षा बरदाश्त नहीं : केवल सेना

मोरवा: घोषणा के पांच साल बाद भी उस पर अमल नहीं होने से वीर केवल सेना नाराज हैं. संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्जुन सहनी एवं सचिव रामलगन सहनी ने इसके लिए सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपनी घोषणाओं के अनुसार केवल स्थान की योजनाओं को मूर्त रूप देने की दिशा में कदम उठाये. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2015 6:02 PM

मोरवा: घोषणा के पांच साल बाद भी उस पर अमल नहीं होने से वीर केवल सेना नाराज हैं. संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्जुन सहनी एवं सचिव रामलगन सहनी ने इसके लिए सरकार से अनुरोध किया है कि वह अपनी घोषणाओं के अनुसार केवल स्थान की योजनाओं को मूर्त रूप देने की दिशा में कदम उठाये. मंगलवार को जब कमला माता के दर्शन के लिए हजारों श्राद्धालु जुटे तो व्यवस्था की पोल खुल गयी.

अब जबकि राजकीय मेले के शुरू होने में दो महीने से भी कम समय बचे हैं समस्याएं यथावत बनी हुई है. निषादों की धर्मस्थली कष्टों की मार से कराह रही है.

साल दर साल बीतता गया लेकिन इसके दिन बहुरने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रखंड के इंद्रवारा पंचायत नून नदी के तट पर बना बड़ा ही रमणीक आश्रम निषादों की धर्मस्थली बाबा केवल स्थान एक समय ऐसा आया जब इस जगह का बखान सुन तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं यहां पधारे. मार्च 2010 का वह महीना था जब मुख्यमंत्री ने इसे राजकीय मेला घोषित कर दिया. विवाह भवन दो मंजिला सामुदायिक भवन, बिजली सुविधा, पेयजल, शौचालय,अस्पताल जैसे बुनियादी सुविधा उपलब्ध करने का वादा किया. रामनवमी के चार रोज पहले से लेकर चार दिन बाद तक वाहनों का तांता लगा रहता है. लोगों को अब भी उम्मीद है कि सरकार अगर अपने घोषणाओं पर अमल करे तो यह धार्मिक स्थली देश के मानचित्र पर अपना जगह पाने में कामयाब होगा.

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