गर्भाशय कांड : फिर से होगी मरीजों की जांच
समस्तीपुरः जिले के चर्चित गर्भाशय कांड में एक बार फिर मरीजों की जांच की जायेगी. जांच रिपोर्ट के बाद ही गर्भाशय कांड की सच्चई से पर्दा उठने की संभावना है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जांच के दौरान गलत ऑपरेशन एवं इलाज में शामिल मरीजों की फिर से जांच होने की सूचना ने एक […]
समस्तीपुरः जिले के चर्चित गर्भाशय कांड में एक बार फिर मरीजों की जांच की जायेगी. जांच रिपोर्ट के बाद ही गर्भाशय कांड की सच्चई से पर्दा उठने की संभावना है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जांच के दौरान गलत ऑपरेशन एवं इलाज में शामिल मरीजों की फिर से जांच होने की सूचना ने एक बार फिर मामले की सरगर्मी तेज कर दी है. जांच के बाद जांच, फिर जांच करने पर रिजल्ट क्या होगा, यह तो समय के गर्भ में है, लेकिन मरीजों का फिर से जांच कराये जाने के आदेश के बाद कांड अनुसंधानकों की भी परेशानी बढ़ गयी है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार गर्भाशय कांड के अनुसंधान से जुड़े कांड अनुसंधानकों को पिछले दिनों पटना तलब किया गया था. इस दौरान कांड अनुसंधान का नेतृत्व कर रहे सीआइडी विभाग के डीआइजी डॉ. केके सिंह ने कांड अनुसंधानकों को आवश्यक निर्देश दिया. साथ ही जांच के लिए एक मेडिकल टीम बनाने का निर्देश दिया. डॉक्टरों का पैनल बनाने के बाद मरीजों की जांच फिर से करायी जायेगी. इस कार्य को गति देने के लिए सिविल सर्जन को डॉक्टरों का पैनल बनाने का निर्देश दिया गया है. इस पैनल में पूर्व की जांच टीम में शामिल डॉक्टरों को अलग रखा जाएगा. हालांकि अभी यह पैनल नहीं बनाया गया है. सीएस डा. अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि निर्देश प्राप्त हुआ है. अभी जांच के लिए डॉक्टरों का पैनल नहीं बनाया गया है.
कांड अनुसंधान टीम में भी हैं डॉक्टर : गर्भाशय कांड में अनुसंधानक के अलावे दो डॉक्टरों को भी शामिल किया गया है. पांच कांड अनुसंधानकों द्वारा उपलब्ध कराए गए मरीजों के इलाज संबंधित कागजात, जांच रिपोर्ट, पुर्जा सहित अन्य मामले की जांच टीम दो डॉक्टरों को शामिल किया गया है. सभी जांच सीआइडी विभाग के डीआइजी के नेतृत्व में की जा रही है. अब तक जांच के दौरान मरीजों का भौतिक सत्यापन भी हो चुका है. वहीं इलाज कराने वाले नर्सिग होम का भी निरीक्षण किया जा चुका है. सीआइडी के डीआइजी एवं एसपी स्वयं सभी नर्सिग होम की जांच कर चुके हैं. जानकारी के अनुसार फिर से जांच कराए जाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि शुरुआती दौर में डॉक्टरों द्वारा किए गए इलाज, ऑपरेशन व जांच रिपोर्ट, शिविर में हुए जांच रिपोर्ट, कांड अनुसंधानक टीम में शामिल डॉक्टरों की रिपोर्ट एवं पैनल में शामिल डॉक्टरों द्वारा की गयी जांच रिपोर्ट को मिलाया जाएगा. सभी जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे एक दूसरे से मिलान कर अंतिम रिपोर्ट बनायी जाएगी. अंतिम जांच रिपोर्ट के आधार पर ही साबित किया जाएगा कि इलाज व ऑपरेशन उचित था या अनुचित.
पांच नर्सिग होम पर चल रही है जांच : गर्भाशय कांड मामले में फंसे पांच नर्सिग होम के विरुद्ध जांच की जा रही है. उनके विरुद्ध विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. जिनमें नगर थाना में माला नर्सिग होम, मिश्र नर्सिग होम एवं लाइफ लाइन हॉस्पीटल के विरुद्ध मामला दर्ज है. मुफस्सिल थाना में कृष्णा हॉस्पीटल एवं पटोरी थाना में विष्णु सेवा सदन के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. कांड अनुसंधान के दौरान सीआइडी विभाग के डीआइजी ने उक्त नर्सिग होम का हार्ड डिस्क कॉपी जब्त करने, डॉक्टरों का बयान लेने, मरीजों का बयान दर्ज करने, घटना स्थल की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कराने, इलाज से संबंधित कागजात आदि जब्त करने का निर्देश दिया गया था. साथ ही इसकी पूरी सीडी विभाग को सौंपने को कहा गया.
क्या है गर्भाशय..
श्रम विभाग के जांच के दौरान समस्तीपुर में सर्वाधिक महिला मरीजों के गर्भाशय निकालने का मामला प्रकाश में आया. इसके बाद तत्कालीन डीएम कुंदन कुमार ने पटेल मैदान में शिविर लगाकर स्मार्ट कार्ड धारियों के मरीजों की जांच करायी. जांच के दौरान कई ऐसे मामले में आए, जिनमें मरीज ने इलाज भी नहीं कराया, लेकिन उसके कार्ड से गर्भाशय निकालने के नाम पर राशि का उठाव फर्जीवाड़ा तरीके से कर लिया गया. इसके बाद डीएम के निर्देश पर पांच नर्सिग होम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. पुलिस विभाग ने मामले की जांच शुरू की. बाद में मुख्यालय ने उक्त मामले को सीआइडी विभाग के जिम्मे सौंप दिया.