मनोरमा ने बनाया सात सौ महिलाओं का समूह

मशरुम उत्पादन एवं बीज निर्माण में बना अव्वलपांच लाख से ज्यादा मुनाफा कमाते प्रतिवर्षप्रतिनिधि, पूसामशरुम उत्पादन के क्षेत्र में एक मिशाल के रूप में उभरने वाली वैशाली लालगंज की मनोरमा सिंह राज्य के तमाम उत्पादकों में अव्वल दर्जे की बनी. राज्य सरकार की ओर से हॉटीकल्चर विभाग इन्हें 15 लाख का कर्ज बीस प्रतिशत अनुदानित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2015 7:02 PM

मशरुम उत्पादन एवं बीज निर्माण में बना अव्वलपांच लाख से ज्यादा मुनाफा कमाते प्रतिवर्षप्रतिनिधि, पूसामशरुम उत्पादन के क्षेत्र में एक मिशाल के रूप में उभरने वाली वैशाली लालगंज की मनोरमा सिंह राज्य के तमाम उत्पादकों में अव्वल दर्जे की बनी. राज्य सरकार की ओर से हॉटीकल्चर विभाग इन्हें 15 लाख का कर्ज बीस प्रतिशत अनुदानित दर मशरुम बीज स्पॉन बनाने को लैब के लिए दिया है. हालांकि मनोरमा सिंह कहती हैं कि वर्तमान सरकारी व्यवस्था में काफी दौड़ना पड़ा तब जाकर जिला से लेकर पटना तक कागजी काम करवा सके. उन्होंने बताया कि फिलवक्त ओयस्टर मशरुम का 2500 बैग के अलावा बटन मशरुम के लिए 35 क्विंटल भूसे का कम्पोस्टर बनाकर वृहत पैमाने पर उत्पादन हो रहा है. इस व्यवसाय का श्रेय राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के मशरुम वैज्ञानिक डॉ दयाराम को देते हुए कहा कि विगत पांच वर्ष पूर्व में ही हम आरएयू से प्रशिक्षण प्राप्त कर आज यह मुकाम पर पहुंची हूं. एक समूह पशुपति प्रभु गुणगान सेवा समिति लालगंज के माध्यम से 700 से अधिक ग्रामीण महिलाएं एवं पुरुष को जोड़कर व्यवसाय का नया आयाम दिया. मशरुम के अलावा सभी महिलाएं को वर्मी कंपोस्ट यूनिट, पशुपालन, ब्यूटीसीयन, फाइन आर्ट, पेंटिंग के साथ बागबानी मिशन के क्षेत्र में भी कार्य किया जार हा है. विगत वर्ष श्वेत दुधिया, वृहत दुधिया,मशरुम का भी उत्पादन किया जो संतोषजनक रहा. इस वर्ष भी बड़े पैमाने पर नवीनतम प्रभेदों को लगाया जा रहा है. इसका एक क्विंटल से ज्यादा बीज आरएयू के मशरुम विभाग से ले जा रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version