चार स्कूलों में अब तक नहीं बना एमडीएम
समस्तीपुर : जिले में कुल विद्यालयों की संख्या 2682 है. इन विद्यालयों में से 2660 में ही मध्याह्न् भोजना योजना संचालित है. कुल नामांकित 845374 छात्रों में से 560939 छात्र-छात्रओं को ही एमडीएम का लाभ फिलवक्त मिल रहा है. जबकि विभागीय पत्र के आलोक में जून 2014 से जिले में संचालित 18 कस्तूरबा गांधी आवासीय […]
समस्तीपुर : जिले में कुल विद्यालयों की संख्या 2682 है. इन विद्यालयों में से 2660 में ही मध्याह्न् भोजना योजना संचालित है. कुल नामांकित 845374 छात्रों में से 560939 छात्र-छात्रओं को ही एमडीएम का लाभ फिलवक्त मिल रहा है. जबकि विभागीय पत्र के आलोक में जून 2014 से जिले में संचालित 18 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय को इस योजना से अलग कर दिया गया है.
डीएम के द्वारा आयोजित मासिक समीक्षात्मक बैठक में योजना का सही रूप से कार्यान्वयन व संचालन के लिए कई आदेश दिये जाते हैं. बावजूद इन आदेशों की पोल जांच के बाद निरीक्षण सह कार्रवाई प्रतिवेदन में प्रतिमाह हर स्तर पर खुल रही है.
जनवरी में हुआ 275 स्कूलों का अनुश्रवण
एमडीएम योजना का स्कूलों में सफल संचालन हो इसके लिए विभाग ने अनुश्रवण की भी व्यवस्था कर रखी है. लेकिन अनुश्रवण के नाम पर सिर्फ विभागीय खानापूर्ति की जाती है. अनुश्रवण प्रतिवेदन पर गौर करें तो जनवरी माह में 275 विद्यालयों का कुल अनुश्रवण किया गया. इसमें से मात्र 20 स्कूलों से स्पष्टीकरण तलब की गयी. डीपीओ के द्वारा 4, प्रखंड साधन सेवी के द्वारा 266 व उजियारपुर बीइओ के द्वारा 5 विद्यालयों का अनुश्रवण किया गया.
बताते चलें कि विगत दिसंबर 2014 माह में प्रखंड साधन सेवी द्वारा निर्धारित अनुश्रवण से कम अथवा शून्य पर असंतोष जताते हुए डीएम ने कम से कम 30 विद्यालय के अनुश्रवण का निर्देश दिया था.
जिले में फिलवक्त 20 विद्यालयों में एमडीएम का संचालन विभिन्न कारणों से बंद है. आठ प्रखंड के 16 विद्यालयों में स्थानीय समस्याओं के कारण एमडीएम का लाभ छात्रों को नहीं मिल पा रहा है. जबकि चार प्रखंडों के चार विद्यालयों में अब तक एमडीएम का संचालन शुरू नहीं हो सका है. पटोरी के प्राथमिक विद्यालय भौआ पोखर में भूमि एवं भवनहीन होने के कारण एमडीएम बंद पड़ा हुआ है. कल्याणपुर के प्राथमिक विद्यालय हरपुर झखड़ा में विद्यालय नहीं खुलने, मोहिउद्दीननगर के भा.सं. उत्क्रमित विद्यालय बस्ती में नामांकन शून्य व उजियारपुर के नप्रावि अनुसूचित जनजाति रामटोल में भूमि एवं भवनहीन होने के कारण योजना संचालित नहीं हो सकी है.