रुपा नै देबहि त हेकरे ले जेबौ

समस्तीपुर : शिवाजीनगर ओपी का शिवरामा पुरनदाही टोला में पच्चीस महादलित परिवारों की बस्ती है. जहां के अधिकतर पुरुष रोजी रोजगार की तलाश में घर से बाहर ही रहते हैं. बच जाती है सिर्फ फूस की झोंपड़ियां और इन झोंपड़ियों में उनकी महिलाएं और बच्चे-बच्चियां. शनिवार की रात करीब नौ बज रहे थे. इसी दौरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2015 7:08 AM
समस्तीपुर : शिवाजीनगर ओपी का शिवरामा पुरनदाही टोला में पच्चीस महादलित परिवारों की बस्ती है. जहां के अधिकतर पुरुष रोजी रोजगार की तलाश में घर से बाहर ही रहते हैं. बच जाती है सिर्फ फूस की झोंपड़ियां और इन झोंपड़ियों में उनकी महिलाएं और बच्चे-बच्चियां. शनिवार की रात करीब नौ बज रहे थे.
इसी दौरान टोले में दो मोटर साइकिल की आवाज गांववालों के कानों में पड़ी. गांव में रहने वाली सुरेश दास की पत्नी कृष्णा देवी बताती है कि दो अपराधी जिनके हाथों में लोहे का कोई सामान था. झोपड़ी की टांट को हटाकर घर में घुस आये और दस-बीस हजार रुपा की मांग करने लगे. फटेहाली और मुफलिसी का हवाला दिया तो यू धक्के मारे जैेसे गरीबी से उसे घिन्न आती हो. तब अपराधियों ने कहा कीमतीये सामान दे दही. रुपा नै देबहि त हेकरे ले जेबौ. यह सुनते ही हैया की हिफाजत के लिये उसके अंदर की जमीर जाग गयी और वह शोर कर पड़ोसियों को बुलाने लगी.
महिला को शोर करता देख पहले तो अपराधियों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी. लेकिन पड़ोसियों को जमा होते देख अपराधी भागने लगे. उधर दूसरी झोंपड़ियों में गोपाल के दूसरे साथी भी कुछ इसी तरह तांडव मचा रहे थे. महिलाओं के प्रतिकार पर गोपाल के तीन चार साथी तो भागने में कामयाब हो गये. लेकिन गोपाल और मोहन ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गये जिस पर लोगों ने अपनी सारी भड़ास निकाल ली.

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