लंबित पड़े इंदिरा आवास के लिए अलग से मिलेगी राशि

वर्ष 1993 से 2004 तक के लाभुकों को मिलेगी सहायताआवास पूर्ण करने के लिए तीस हजार की मिलेगी सहायताअनुसूचित जाति-जनजाति को ही मिलेगी सुविधाप्रतिनिधि, समस्तीपुरवर्ष 1993 से 2004 तक के स्वीकृत इंदिरा आवास, जो विभिन्न कारणों से राशि के अभाव में अधूरा और अपूर्ण पड़ा है. सरकार ने ऐसे सभी आवास को पूरा करने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2015 5:03 PM

वर्ष 1993 से 2004 तक के लाभुकों को मिलेगी सहायताआवास पूर्ण करने के लिए तीस हजार की मिलेगी सहायताअनुसूचित जाति-जनजाति को ही मिलेगी सुविधाप्रतिनिधि, समस्तीपुरवर्ष 1993 से 2004 तक के स्वीकृत इंदिरा आवास, जो विभिन्न कारणों से राशि के अभाव में अधूरा और अपूर्ण पड़ा है. सरकार ने ऐसे सभी आवास को पूरा करने के लिए अलग से तीस-तीस हजार रु पये का अनुदान देने का निर्णय लिया है. ‘मुख्यमंत्री इंदिरा आवास जीणार्ेद्धार योजना’ से ऐसे आवास को पूर्ण किया जायेगा. हालांकि इंदिरा आवास योजना के प्रावधान के अनुसार किसी भी लाभुकों को दोबारा वित्तीय सहायता नहीं देने का प्रावधान है. परंतु बिचौलियागिरी और काफी कम राशि मिलने के कारण बड़ी संख्या में प्रथम किस्त की राशि प्राप्त करने वाले लाभुक आवास का काम प्रारंभ नहीं कर सके. उस समय चूंकि मात्र बीस हजार की सहायता मिलती थी, इसलिए जिले के विभिन्न प्रखंडों में वर्ष 1993-94 से वर्ष 2003-04 तक के अधिकांश भवनों का निर्माण पूरा नहीं हो सका. ग्रामीण विकास विभाग ने अनुसूचित जाति- जनजाति के ऐसे लाभुकों की सूची तलब की है, जो लिंटर तक मकान बना चुके हैं. इन आवासों की फोटोग्राफी के आधार पर दो किस्त में भुगतान होगा. बैंक खाते के माध्यम से लाभुकों को प्रथम किस्त के रूप में बीस हजार व द्वितीय किस्त के रूप में दस हजार रु पये का भुगतान किया जायेगा. डीडीसी आर के शर्मा का कहना है कि वर्ष 2004 के बाद स्वीकृत अधूरे आवास की प्रखंडवार सूची सरकार को भेज दी गयी है. आवंटन प्राप्त होते ही इन सभी आवास के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी.

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