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जीणार्ेद्घार के इंतजार में जर्जर हुआ पशु अस्तपताल

स्थानीय विधायक सह मंत्री पर टिकी पशुपालकों की निगाहेंनिजी चिकित्सकों से हो रहा बीमार पशुओं का इलाजप्रतिनिधि, मोरवा एक समय था जब पशुओं की कम थी. पशुपालक मवेशियों के स्वास्थ्य को लेकर इत्मीनान रहते थे क्योंकि मवेशियों के इलाज के लिए उन्हें भटकना नहीं पड़ता था. प्रखंड क्षेत्र में इसके लिए कई जगहों पर मवेशी […]

स्थानीय विधायक सह मंत्री पर टिकी पशुपालकों की निगाहेंनिजी चिकित्सकों से हो रहा बीमार पशुओं का इलाजप्रतिनिधि, मोरवा एक समय था जब पशुओं की कम थी. पशुपालक मवेशियों के स्वास्थ्य को लेकर इत्मीनान रहते थे क्योंकि मवेशियों के इलाज के लिए उन्हें भटकना नहीं पड़ता था. प्रखंड क्षेत्र में इसके लिए कई जगहों पर मवेशी अस्पताल बने थे. लेकिन जैसे जैसे मवेशियों की संख्या में इजाफा हुआ सुविधाएं कम होने लगी. कई अस्पताल बंद हो गये तो कई वजूद की लड़ाई लड़ते लड़ते धराशायी हो गये. इसी क्रम में धर्मपुर बांदे स्थित मवेशी अस्पताल का भी नंबर आता है. ग्रामीण बताते हैं कि कर्पूरी ठाकुर के मुख्यमंत्री कार्यकाल में यहां मवेशी अस्पताल का निर्माण कराया गया था. इसमें नियमित डॉक्टर की नियुक्ति की गयी थी. क्षेत्र के किसान बड़े आराम से अपने पशुओं की देखभाल किया करते थे लेकिन बीतते समय के साथ सब कुछ बदल गया. आज हालत यह है कि अस्पताल भवन बीमार होकर अंतत: धराशायी हो गया है. पशुपालक मवेशियों के इलाज के लिए इधर उधर भटकने को मजबूर हो रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इसे बचाने के लिए काफी प्रयास किया गया लेकिन अब तक परिणाम कुछ नहीं निकला. स्थानीय विधायक बैद्यनाथ सहनी के पशुपालन विभाग का मंत्री बनने से लोगों को काफी उम्मीदंे जगी थी लेकिन अब तक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. पशुपालक अस्पताल के सक्रिय होने के इंतजार में निजी डॉक्टरों के हाथ अपने पशुओं का इलाज कराने के लिए विवश हैं.

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