मोहिउद्दीननगर. प्रखंड के अंदौर ग्राम में श्रीधाम अयोध्याजी से पधारे पीठाधेश्वर श्री प्रभंजनानंद शरण महाराज के पावन सानिध्य में हो रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा प्रवचन आस्थावानों का भक्ति भाव का केंद्र बना हुआ है. कथा प्रवचन के सातवें दिन महाराज ने वर्तमान सामाजिक परिवेश के संदर्भ में कहा कि समाज में बुरे लोगों की सक्रियता उतनी बुरी नही है जितने अच्छे लोगों की निष्क्रियता. आने वाले सन्तानों को धन बैभव मत देना परन्तु आदर्श चरित्र व संस्कार अवश्य देना चाहिए. सत्य के मार्ग पर चलने वाले को कठिनाई जरूर होती है परन्तु इतिहास इन्हीं लोगों के द्वारा लिखा जाता है. महाराज ने कहा कि श्रीराम के पगधूली से केवट का जीवन धन हो गया. वे रामायण में वार्णित केवट प्रसंग सुना रहे थे. मर्मस्पर्शी कथा सुन मानव मन भक्ति में विभोर होता रहा. जब पगधूली पखार ने के लिए केवट की अर्द्घांगिनी ने जल पात्र की चर्चा की तब गरीब केवट के भक्त हृदय से निकले कथन श्रोता प्रेमाश्रु निवेदित कर रहे हैं. सोने चांदी के पात्र नहीं हो क्या लकड़ी की कठौती ही श्रीराम पगधूलि का अमृतपान करायेगी. कहा कि लकड़ी की नाव से जीवन पार लग जायेगा और लकड़ी की कठौती से जनम जनम भवपार. कथा श्रवण को लेकर आयोजन स्थल पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ने लगी महाराज ने कथा का अंत राम भरत मिलाप से किया. उमेश प्रसाद सिंह, दिनेश प्रसाद सिंह, अरूण कुमार सिंह, वरूण कुमार सिंह, लवेश्वर सिंह, कुशेश्वर सिंह, पवन सिंह, मृत्युंजय कुमार सिंह, अमित विक्रम,रविन्द्र झा आदि कार्यक्रम की सफलता के लिए तत्पर है. 23 फरवरी से नौ दिवसीय संगीत मय श्रीराम कथा का समापन तीन मार्च को किया जायेगा.
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धन्य हो गया केवट का जीवन : प्रभंजनानंद
मोहिउद्दीननगर. प्रखंड के अंदौर ग्राम में श्रीधाम अयोध्याजी से पधारे पीठाधेश्वर श्री प्रभंजनानंद शरण महाराज के पावन सानिध्य में हो रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा प्रवचन आस्थावानों का भक्ति भाव का केंद्र बना हुआ है. कथा प्रवचन के सातवें दिन महाराज ने वर्तमान सामाजिक परिवेश के संदर्भ में कहा कि समाज में बुरे लोगों की […]
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