हड़ताल से ग्रामीण डाक सेवा चरमराई

/रफोटो संख्या : 1समस्तीपुर. अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ की हड़ताल के कारण ग्रामीण डाक सेवा बुरी तरह से चरमरा गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर डाकघरों में ताले लटक रहे हैं. लोगों के जरुरी संदेश का आदान प्रदान ठप हो गया है जिससे वे खासे परेशान हैं. खास युवा और बुजुर्गों को हड़ताल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2015 6:03 PM

/रफोटो संख्या : 1समस्तीपुर. अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ की हड़ताल के कारण ग्रामीण डाक सेवा बुरी तरह से चरमरा गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर डाकघरों में ताले लटक रहे हैं. लोगों के जरुरी संदेश का आदान प्रदान ठप हो गया है जिससे वे खासे परेशान हैं. खास युवा और बुजुर्गों को हड़ताल को लेकर खासा चिंतित देखा जा रहा है क्योंकि युवाओं को नौकरी के लिए आने वाले पत्रों और बुजुर्गों को दूर बैठे अपनों का संदेश मिलना बंद हो गया है. वहीं डाक के माध्यम से आने वाला आधार कार्ड भी लोगों को मिलना बंद है. जिसके कारण जरुरतमंदों को खासा परेशान देखा जा रहा है. इधर, हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को भी डाककर्मियों ने प्रधान डाकघर पर धरना देकर नारेबाजी की. जिसके कारण कार्यालय का काम काज प्रभावित हुआ. धरना पर बैठे संगठन के प्रमंडलीय सचिव इंद्रदेव राय, प्रमंडलीय कोषाध्यक्ष प्रमोद कुमार महतो, सहायक सचिव विश्वनाथ प्रसाद महतो, सरोज कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार, धीरेंद्र कुमार चौधरी, सहायक सचिव सचिदानंद झा, उपाध्यक्ष राकेश कुमार, प्रेम कुमार, मुक्तिनाथ गिरि, रंजीत कुमार शर्मा आदि ने बताया कि जब तक सरकार हमारी तीन सूत्री मांग को नहीं मान लेती है आंदोलन जारी रहेगा. इनकी प्रमुख तीन मांगों में फरवरी 14 के हड़ताल में हुए समझौते के अनुसार ग्रामीण डाक सेवकों के लिए सातवें वेतन आयोग की जगह न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी का गठन, ग्रामीण डाक सेवकों को विभागीय कर्मचारी का दर्जा और डाक विभाग में प्रस्तावित कॉरपोरेटाइजेशन की नीति पर रोक लगाना शामिल है.

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