शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव लाना उद्देश्य हो : डॉ कुरूप

फोटो संख्या : 5वक्ताओं ने दिया शैक्षणिक मूल्यांकन पर बलप्रतिनिधि, समस्तीपुर स्थानीय आरएनएआर कॉलेज परिसर में राज्यस्तरीय नैक प्रायोजित कार्यशाला के दूसरे सत्र में विश्व बैंक के कंसल्टेंट शिक्षाविद् डॉ एमआर कुरूप ने शैक्षणिक संस्थानों को दायित्व बोध कराते हुए कहा कि सामाजिक व आर्थिक जीवन में परिवर्तन लाना ही मुख्य उद्देश्य होना चाहिए़ उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2015 5:03 PM

फोटो संख्या : 5वक्ताओं ने दिया शैक्षणिक मूल्यांकन पर बलप्रतिनिधि, समस्तीपुर स्थानीय आरएनएआर कॉलेज परिसर में राज्यस्तरीय नैक प्रायोजित कार्यशाला के दूसरे सत्र में विश्व बैंक के कंसल्टेंट शिक्षाविद् डॉ एमआर कुरूप ने शैक्षणिक संस्थानों को दायित्व बोध कराते हुए कहा कि सामाजिक व आर्थिक जीवन में परिवर्तन लाना ही मुख्य उद्देश्य होना चाहिए़ उन्होंने कहा कि डिग्री ज्ञान आधारित होनी चाहिए़ शिक्षित लोगों का अशिक्षित लोगों से ज्यादा सामाजिक दायित्व होता है़ सतत ज्ञान वर्धन के लिए हमें सारे केरिकुलम को पूरे गंभीरता के साथ पालन करना चाहिये़ शैक्षणिक संस्थान के सतत विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण पक्ष गवर्नेंस होता है़ इसके साथ ही आधारभूत संरचना, छात्रों की शैक्षणिक प्रक्रिया आदि संस्थानोंे के महत्वपूर्ण पक्ष है़ नैक के सहायक सलाहकार डॉ गणेश हेगड़े ने कहा कि नैक मूल्यांकन का मापदंड पूरे देश के लिए एक है़ इसलिए सभी स्तर के शिक्षण संस्थानों को सारे क्रियाकलापों पर समान रूप से ध्यान देना चाहिये़ उन्होंने विश्वविद्यालयों व कॉलेजों की कार्य प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि विवि में शोध व कॉलेजों में शैक्षणिक क्रियाकलाप पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है़ कॉलेजों में छात्रों के मनोवैज्ञानिक तरीके से कैरियर काउंसेलिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए शैक्षणिक मूल्यांकन करने की बात कही़ अध्यक्षीय संबोधन में प्रोवीसी प्रो़ एस मुमताजुद्दीन ने कहा कि विवि, विभागों सहित अंगीभूत व संबद्घ कॉलेज नैक मूल्यांकन के लिए जागरूक होते जा रहे हैं़ इस क्रम में नैक मूल्यांकन की प्रगति की चर्चा की़ धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ सरदार अरविंद सिंह ने दिया.

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