लिंकअप नहीं हुए तो, 324 रुपये का घाटा
समस्तीपुर : यदि रसोई गैस उपभोक्ता 31 मार्च तक बैंक खाते से लिंक नहीं हो सकेंगे, उन्हें पहली अप्रैल से छूट वाला सिलिंडर नहीं मिलेगा़ जो उपभोक्ता अपने गैस कनेक्शन को बैंक खाते से लिंक करा कर नकद सब्सिडी योजना में शामिल हो चुके हैं, उन पर तो इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा़ ऐसे कनेक्शनों […]
समस्तीपुर : यदि रसोई गैस उपभोक्ता 31 मार्च तक बैंक खाते से लिंक नहीं हो सकेंगे, उन्हें पहली अप्रैल से छूट वाला सिलिंडर नहीं मिलेगा़ जो उपभोक्ता अपने गैस कनेक्शन को बैंक खाते से लिंक करा कर नकद सब्सिडी योजना में शामिल हो चुके हैं, उन पर तो इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा़ ऐसे कनेक्शनों को झटका लग सकता है, जो अब तक योजना के दायरे में नहीं आये हैं.
जिले में इंडेन, एचपी, भारत गैस के 17 हजार उपभोक्ता अभी भी विभिन्न कारणों से लिंकअप नहीं हो सके है़ं बताते चलें कि नकद सब्सिडी का लाभ पाने के लिए 31 मार्च तक बैंक से लिंकअप होना जरूरी है, अन्यथा उपभोक्ता को एक अप्रैल से सिलिंडर बाजार रेट पर लेना होगा़ यदि 30 जून तक भी कनेक्शन को लिंक न कराया गया तो सब्सिडी की जमा रकम लैप्स हो जायेगी़ नियम कहता है कि कनेक्शन लिंक न कराने वाले उपभोक्ता पहली अप्रैल से 30 जून तक जितने भी सिलिंडर फुल रेट पर लेंगे, उन सिलिंडरों की सब्सिडी पेट्रोलियम कंपनी के पास जमा रहेगी़ पहल योजना के तहत अब तक जिन उपभोक्ताओं को नकद सब्सिडी का एसएमएस नहीं मिला है वे इंतजार न करें.
बैंक से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. चालू वित्तीय वर्ष में अगर आपने अभी तक सब्सिडी कोटा (साल में बारह) के सिलिंडर नहीं उठाये हैं तो आपको नुकसान हो सकता है़ आप बुकिंग करा चुके और आपूर्ति नहीं हुई है तो 31 मार्च तक सिलिंडर उठा लें.
यदि चूक हुई तो शेष सिलिंडर लैप्स हो जायेंग़े इधर पेट्रोलियम कंपनियां उपभोक्ताओं को सब्सिडी के नाम पर लूट रही है़ प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ ‘पहल’ योजना से जुड़ने के बाद उपभोक्ता अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं. सिलिंडर के लिए उपभोक्ताओं को पैसा तो पूरा देना पड़ रहा है जबकि खाते में सब्सिडी के पैसे के लिए इंतजार ही विकल्प बचा है़ उपभोक्ता भारती ने बताया कि उन्होंने गैस की बुकिंग 15 मार्च को की थी़
24 मार्च को सिलिंडर की डिलेवरी भी मिल गयी, लेकिन अभी तक खाते में सब्सिडी का पैसा नहीं आया़ इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है कि खाते में पैसा कब आएगा? उपभोक्ताओं का कहना है कि एजेंसी पर बात करने पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है़ पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों का फोन उठता ही नहीं है.