48 विद्यालयों में नहीं है शौचालय की व्यवस्था
विद्यालयों में निकली स्वच्छता अभियान की हवा* खुले में शौच को मजबूर है स्कूली छात्र * करीब दो दर्जन विद्यालय में चापाकल का अभाव* प्रखंडाधीन 134 विद्यालयों की है संख्याखानपुर, प्रतिनिधि . प्रखंड में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के साथ साथ स्वच्छता अभियान की हवा निकल चुकी है. सरकार द्वारा चलायी जा रही […]
विद्यालयों में निकली स्वच्छता अभियान की हवा* खुले में शौच को मजबूर है स्कूली छात्र * करीब दो दर्जन विद्यालय में चापाकल का अभाव* प्रखंडाधीन 134 विद्यालयों की है संख्याखानपुर, प्रतिनिधि . प्रखंड में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के साथ साथ स्वच्छता अभियान की हवा निकल चुकी है. सरकार द्वारा चलायी जा रही बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर विद्यालय में शौचालय व चापाकल नहीं रहने से पानी फेर दिया है. कुछ माह पूर्व सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान चलायी गई. हर जगह पदाधिकारी से लेकर सभी राजनीतिक दल स्वच्छता पर काफी जोर देकर अभियान चलाया गया. स्कूल में भी बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाया गया. लेकिन जहां पाठ पढ़ाया गया, वहीं दीप तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ है. जानकारी के अनुसार प्रखंड में कुल 134 प्राथमिक व मध्य विद्यालय हैं. जिसमें करीब 48 विद्यालयों के पास शौचालय व करीब दो दर्जन विद्यालयों के पास चापाकल का अभाव है. इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रखंड के इन विद्यालयों में स्वच्छता अभियान का असर कितना कारगर है. जिन विद्यालयों के पास शौचालय की व्यवस्था है भी उसमें अधिकतर जीर्णशीर्ण व बदबूदार स्थिति में रहने की बात सामने आ रही है. जरा सोचिये, ऐसे स्कूलों में छात्र-छात्राओं, शिक्षक व शिक्षिकाओं के उपर क्या गुजरता होगा. निश्चित तौर पर उन्हें खुले में शौच करने को मजबूर होना पड़ता होगा. सूत्र बताते हैं कि जिन छात्र-छात्राओं का घर नजदीक में है, उसे शौच के लिए छुट्टी दे दी जाती है. लेकिन दूर के बच्चों व शिक्षक -शिक्षिकाओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. एक शिक्षिका ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि निकास के लिए विद्यालय के छात्राओं को शिक्षिकाओं को परदे की ओट तलाशती रहती है. जो दूर तक दिखाई नहीं देता है. वहीं स्वच्छ पानी पीने के लिए बच्चों को भटकना पड़ता है.