समस्तीपुर. स्थानीय बीएड कालेज परिसर में जारी श्रीराम कथा में मंगलवार को सीता विवाह का प्रसंग श्रोताओं के समक्ष परोसा गया. इस क्रम में कथा वाचक सुधीर महाराज ने कहा कि मानव के जीवन में चार पड़ाव हैं. इसमें गृह जीवन सबसे बहुमूल्य हंै. इसमें सभी दायित्वों की पूर्ति करते हुए थोड़ा समय भागवत भजन के लिए भी निकाला जा सकता है. ईश्वर सदैव अपने भक्त का ख्याल रखते हैं. उनकी पीड़ा को दूर करने के लिए माध्यम भेजते रहते हैं. सीता विवाह की कथा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि धनुष कठोरता या फिर अहंकार का प्रतीक है. उसे तोड़ कर भगवान श्रीराम ने संदेश दिया. संतों का समूह बाग है. जिन्हें भी भगवान के दर्शन हुए हैं उन्हें बाग में जाना पड़ा है. कथा के उपरांत भव्य आरती का आयोजन हुआ. मौके पर प्रो. मिनी पांडेय, अनिता सिंह, रामसिरताज राय, मदन प्रसाद सिंह, बेबी कुमारी, मीरा देवी, प्रवीण, सामंत, शंभू पांडेय, रेणु, अरुण कुमार राय, संजीव कुमार आदि थे. कार्यक्रम की सफलता के लिए सत्येंद्र प्रसाद सिंह, डॉ विनय कुमार, एके ठाकुर, आकर्षश्री, राजू शर्मा, केके जेली, राजीव रंजन, सुरेश नारायण शर्मा आदि सक्रिय भागीदारी निभाने में जुटे हैं.
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बहुमूल्य है गृह जीवन : सुधीर
समस्तीपुर. स्थानीय बीएड कालेज परिसर में जारी श्रीराम कथा में मंगलवार को सीता विवाह का प्रसंग श्रोताओं के समक्ष परोसा गया. इस क्रम में कथा वाचक सुधीर महाराज ने कहा कि मानव के जीवन में चार पड़ाव हैं. इसमें गृह जीवन सबसे बहुमूल्य हंै. इसमें सभी दायित्वों की पूर्ति करते हुए थोड़ा समय भागवत भजन […]
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