खुद अपना जान जोखिम में डालकर करते हैं दूसरे घरों को रोशन

फोटो संख्या : 2पेट की आग बुझाने के लिए करनी पड़ती है कड़ी मशक्कतहाल बिजली विभाग में करने वाले मानव बल काप्रतिनिधि, मोरवा ड्यूटी चौबीस घंटे और दिहाड़ी इतनी की भरपेट भोजन भी न मिल सके. जान की जोखिम इतनी की कि पलक झपकते सबकुछ समाप्त. दूसरों के घरों को रोशन करने का जिम्मा लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2015 5:04 PM

फोटो संख्या : 2पेट की आग बुझाने के लिए करनी पड़ती है कड़ी मशक्कतहाल बिजली विभाग में करने वाले मानव बल काप्रतिनिधि, मोरवा ड्यूटी चौबीस घंटे और दिहाड़ी इतनी की भरपेट भोजन भी न मिल सके. जान की जोखिम इतनी की कि पलक झपकते सबकुछ समाप्त. दूसरों के घरों को रोशन करने का जिम्मा लेकिन खुद पैसों के लिए मोहताज. जी हां यह सब वाकया बिजली विभाग में काम करने वाले मानव बल पर सटीक बैठता है. विभाग के द्वारा बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने एवं बिजली कर्मियों की कमी दूर करने के लिए अनुबंध पर मानव बलों की नियुक्ति गयी है. हरेक फीडर के अंतर्गत एक या दो बलांे की बहाली की गयी है. इसके जिम्मे बिजली व्यवस्था को दुरुस्त रखने की की जिम्मेवारी है. चौबीस घंटे इनकी ड्यूटी लगी रहती है लेकिन मानदेय के रूप में महज इन्हे चंद रुपये दिये जाते हैं. मानव बल बताते हैं कि कहीं चार तो कहीं साढ़े चार हजार रुपये इन्हे पूरे महीने का मिलता है. ड्यूटी इतनी कड़ी कि हरदम खतरे का तलवार लटकता रहता है. जरा सी चूक जान पर भारी पड़ सकती है. ठंड हो गया गरमी या फिर बरसात सभी मौसम में कठिनाइयों का सामना करते हुए दूसरों के घरों को गुलजार करते रहते हैं. बाबजूद इनके घरों में अंधेरा छाया है. ऐसे ही एक मानव बल नंद किशोर का कहना कि इतनी मेहनत के बावजूद पूरे परिवार के लिए भरपेट भोजन जुटाना मुश्किल हो रहा है.

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