मोहिउद्दीननगर में नौ फीट नीचे गिरा जलस्तर
बढ़ेगी परेशानी : गरमी बढ़ने के साथ ही जिले में बढ़ रहा पेयजल संकट, सूखेगा हलक समस्तीपुर : सर्दी का मौसम बीतने के साथ जैसे ही पछुआ हवा ने रफ्तार पकड़ी धूप तीखी होनी शुरू हो गयी. इसका असर जलस्तर पर भी पड़ना शुरू हुआ. हालांकि अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष अप्रैल महीने […]
बढ़ेगी परेशानी : गरमी बढ़ने के साथ ही जिले में बढ़ रहा पेयजल संकट, सूखेगा हलक
समस्तीपुर : सर्दी का मौसम बीतने के साथ जैसे ही पछुआ हवा ने रफ्तार पकड़ी धूप तीखी होनी शुरू हो गयी. इसका असर जलस्तर पर भी पड़ना शुरू हुआ.
हालांकि अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष अप्रैल महीने में हल्की बारिश और मौसम सुहावना रह रहा है. इससे जल संकट अब तक पूरी तरह से उभकर सामने नहीं आया है.
लेकिन अप्रैल के शुरुआत में ही पांच फीट जल स्तर नीचे चला गया जो बीते वर्षो की तुलना में करीब आधा फीट अधिक है. पीएचइडी विभाग के आंकड़े बोलते हैं कि बीते कुछ वर्षो में जिले के दक्षिणी इलाके में जल स्तर तेजी से नीचे उतरा है. इसमें सरायरंजन में सर्वाधिक 5.5 फीट जल स्तर नीचे उतरा है. ताजपुर में यह आंकड़ा 8 फीट तक पहुंच गया है.
सबसे अधिक गिरावट तो मोहिउद्दीननगर में दर्ज की गयी है. यहां बीते वर्षो की तुलना में 11 फीट नीचे पानी चला गया है. यह आने वाले दिनों में गहराने वाले पेयजल संकट की ओर अभी से इशारा कर रहा है. इससे निबटने के लिए आम लोगों को सावधान होना पड़ेगा तो विभाग को भी चौकसी भरा कदम उठाना होगा.
विकास आंधी में लोग आसपास के गड्ढों को भर कर उसे उपयोग के लायक बना रहे हैं. जिससे वर्षा जल का ठहराव नहीं हो पा रहा है. वह बारिश के साथ नालों के सहारे नदियों में पहुंच कर सागर की ओर रवाना हो रही है. इसके कारण मैदानी इलाकों का वाटर लेबल रिचार्ज नहीं हो पा रहा है. इसका प्रतिस्वरुप जल संकट के रूप में सामने आता है. ग्रामीण इलाकों में सिंचाई के साधन बढ़ रहे हैं. यह किसी न किसी तरह से जलस्तर को प्रभावित कर रहा है.
बोले अधिकारी
जल संकट पर नजर रखी जा रही है. आम लोगों को शुद्ध पानी आसानी से उपलब्ध हो इसके लिए विभाग की ओर से कई योजनाएं चलायी जा रही है. वैसे फिलहाल जिले में जल संकट जैसी कोई स्थिति पैदा नहीं हुई है. जिस तरह से रुक रुक कर वर्षा हो रही है उससे आगे भी जल स्तर के ठीक ठाक रहने की उम्मीद बन रही है. वैसे विभाग हर स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह से चौकसी बरत रही है.
केएल बैठा
कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी