विकास मित्र नियोजन को ले भटक रहा अभ्यर्थी
उच्चाधिकारियों से लगा चुके हैं गुहारमेधा सूची में पहले स्थान पर हुये थे चयनितदूसरे अभ्यर्थी को कर दिया गया बहालप्रतिनिधि, दलसिंहसरायविकास मित्र के पद पर नियोजन को लेकर वर्ष 2010 में मेधा सूची में पहले स्थान पर चयनित शोभित राम अपने नियोजन पत्र को लेकर भटक रहा है. मगर उसकी सुनने वाले अधिकारी मौन हैं. […]
उच्चाधिकारियों से लगा चुके हैं गुहारमेधा सूची में पहले स्थान पर हुये थे चयनितदूसरे अभ्यर्थी को कर दिया गया बहालप्रतिनिधि, दलसिंहसरायविकास मित्र के पद पर नियोजन को लेकर वर्ष 2010 में मेधा सूची में पहले स्थान पर चयनित शोभित राम अपने नियोजन पत्र को लेकर भटक रहा है. मगर उसकी सुनने वाले अधिकारी मौन हैं. कागजी प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री जनता दरबार से लेकर संबंधित पदाधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर लगाते लगाते थक चुके हैं. जबकि वर्षो बीत जाने के बावजूद उसका नियोजन तो नहीं हुआ. लेकिन, वर्ष 14 में संबंधित अधिकारियों ने दूसरे अभ्यर्थी को बहाल भी कर दिया. मामला उजियारपुर प्रखंड में विकास मित्र के पद पर बहाली से जुड़ा है. अभ्यर्थी चांदचौर रहीम टोल का रहने वाला है. संबंधित अभ्यर्थी का कहना है कि जिला कल्याण पदाधिकारी से लेकर सीएम जनता दरबार तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के अवर सचिव तक आवेदन दिये. कागजी कार्रवाई के तहत अधिकारियों ने पत्राचार भी किया. मगर अंतत: जिला कल्याण पदाधिकारी ने अवर सचिवच को भेजे पत्र में विकास मित्र के चयन का दायित्व संबंधित प्रखंड के एसडीओ कार्यालय द्वारा करने की बात कही है. इसको लेकर अभ्यर्थी ने अपने स्तर से भी एसडीओ को आवेदन देकर गुहार लगायी है. उन्होंने कहा है कि मेधा सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बावजूद उनका चयन न करके किसी अन्य का चयन करना कहां तक न्यायोचित है.