रिवर रैचिंग के तहत गंगा नदी में डाली गयी 41976 मत्स्य अंगुलिका

रिवर रैचिंग कार्यक्रम के द्वितीय चरण के तहत शुक्रवार को गंगा नदी में 41976 मत्स्य अंगुलिका डाली गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 6, 2024 10:29 PM

समस्तीपुर : रिवर रैचिंग कार्यक्रम के द्वितीय चरण के तहत शुक्रवार को गंगा नदी में 41976 मत्स्य अंगुलिका डाली गयी. इस मौके पर जिला मत्स्य पदाधिकारी मो. नियाजुद्दीन ने कहा कि रिवर रैचिंग के तहत गंगा नदी में 386000 मत्स्य अंगुलिका डालने का लक्ष्य रखा गया है. गंगा नदी में डाली गयी जीवित मत्स्य अंगुलिकाओं की साइज 8 से 10 ग्राम है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन जलीय जीवों विशेषकर मछलियों के प्रजनन और पालन के लिए किया जाता है. यह एक स्थायी और पर्यावरण अनुकूल तरीका है, जो नदियों के परिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखते हुए मछली उत्पादन को बढ़ावा देता है. स्वस्थ और विविध जलीय परिस्थितिकी तंत्र पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है,जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलता है. रिवर रैचिंग से मछलियों के प्राकृतिक स्थानों का संरक्षण होता है, जिससे जल पारिस्थितिक तंत्र संतुलित रहता है. वहीं यह स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार सृजन कर सकता है और मछली पालन के माध्यम से आय के नये स्रोत प्रदान कर सकता है. नदियों में घट रही मछलियों की संख्या इस योजना के जरिये बढ़ायी जा रही है. इससे मछुआरों की आजीविका में वृद्धि होगी. इस प्रक्रिया से स्थानीय समुदायों में मछली पालन के ज्ञान और कौशल का विकास होता है., जिससे उनकी जीवन शैली में सुधार होगा. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दरभंगा परिक्षेत्र के उप मत्स्य निदेशक ने कुमार विमल ने बताया कि गंगा नदी की बड़ी मछलियों को संग्रह कर मत्स्य हैचरी का प्रजनन कराया गया. उचित देखरेख के उपरांत 8 से 10 ग्राम साइज के मछलियों के बच्चे को नदी में डाला जाता है, जिससे नदियों में अन्य जीवों का शिकार नहीं हो और उत्तरजीविता में वृद्धि जारी रहे. मौके पर एडीएम आपदा प्रबंधन राजेश कुमार सिंह, मत्स्य प्रशिक्षण केन्द्र की व्याख्याता अनीता कुमारी आदि मौजूद थी.

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