जीवन जीने की कला सिखाता है भागवत

हसनपुर. प्रखंड के शासन गांव में चल रहे ग्यारह दिवसीय महारुद्र यज्ञ मे श्रद्धालुआंे की काफी भीड़ उमड़ रही है. महायज्ञ मे अयोध्या से आये प्रवचनकर्ता लवकुश जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालु को बताया कि भागवत मानव को जीने व मरने की कला सिखाता है. लवकुश जी महाराज ने प्रथम दिन भागवत के महात्मय की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 21, 2015 7:04 PM

हसनपुर. प्रखंड के शासन गांव में चल रहे ग्यारह दिवसीय महारुद्र यज्ञ मे श्रद्धालुआंे की काफी भीड़ उमड़ रही है. महायज्ञ मे अयोध्या से आये प्रवचनकर्ता लवकुश जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालु को बताया कि भागवत मानव को जीने व मरने की कला सिखाता है. लवकुश जी महाराज ने प्रथम दिन भागवत के महात्मय की कथा सुनाते हुए बताया कि भागवत मनुष्य को जीने कला सिखाता है. भागवत हमंे यह बताता है कि हम किस प्रकार जीवन जीयें. मरे तो किस प्रकार. उन्होंने बताया कि मरने का मतलब हाय हाय न करके बल्कि हरि हरि करके मरे. हरि हरि करके मनुष्य मरेगा तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी. यह तभी संभव है जब मनुष्य नि:स्वार्थ भाव से समाज सेवा करे. महायज्ञ में वृंदावन से आये रासलीला का भी आनंद लोगों ने उठाया. कार्यक्रम की सफलता में महंत शंभु दास, उपप्रमुख विनोद कुमार यादव, रामाशीष यादव, पप्पू भारत, अशोक राय, वीरेन्द्र राय, माखन झा, हरेराम राय, मनीष कुमार, सर्वेश कुमार, दिलखुश पाठक, विनोद राय, श्याम सुन्दर, मोनू, मुन्ना भाई, पंकज राय, सोनू कुमार आदि सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.

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