‘घरेलू हिंसा से पीड़ितों के लिए न्याय’ प्रशिक्षण शिविर
समस्तीपुर : घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 05 को प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ‘घरेलू हिंसा से पीड़िता के लिए न्याय’ गुरुवार को प्रशिक्षण शिविर हुआ. समाहरणालय सभागार में आयोजित शिविर में दलसिंहसराय, उजियारपुर और विद्यापतिनगर के ग्राम कचहरी सदस्य, मुखिया, सरपंच, सचिव, अधिवक्ता, एएनएम, आशा, सेविका, चिकित्सक, सीडीपीओ, शिक्षक, पुलिस पदाधिकारी, बीडीओ आदि […]
समस्तीपुर : घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 05 को प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ‘घरेलू हिंसा से पीड़िता के लिए न्याय’ गुरुवार को प्रशिक्षण शिविर हुआ. समाहरणालय सभागार में आयोजित शिविर में दलसिंहसराय, उजियारपुर और विद्यापतिनगर के ग्राम कचहरी सदस्य, मुखिया, सरपंच, सचिव, अधिवक्ता, एएनएम, आशा, सेविका, चिकित्सक, सीडीपीओ, शिक्षक, पुलिस पदाधिकारी, बीडीओ आदि ने हिस्सा लिया.
मुख्य अतिथि जिलाधिकारी एम. रामचंद्रुडु, पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्रुति सिंह व केयर इंडिया की लता ने दीप जला कर संयुक्त रूप से शिविर का विधिवत शुभारंभ किया.
डीएम ने सेविका, आशा, चिकित्सक व ग्राम कचहरी के सदस्यों को सेवा प्रदाता के रूप में आगे आने को कहा. महिला जागरण केंद्र की अध्यक्षा नीलू ने कहा कि समाज में जेंडर की समझ अति आवश्यक है. लिंग भेद को लेकर सामाजिक नियम बने हैं. इससे गैर बराबरी और हिंसा बढ़ाती है. इसकी बराबरी के लिए व्यवहारगत बदलाव की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाने में एएनएम, आशा, सेविका, पुलिस पदाधिकारी व शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं सबसे पहले इन्हीं के पास आते हैं. इसके लिए उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभाने की जरुरत है. वहीं डॉ शरद ने कहा कि महिलाओं पर घरेलू हिंसा का नकारात्मक प्रभाव उनके बच्चों, परिवार, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर पड़ता है.
अधिवक्ता श्रुति सिंह ने कहा कि कानून को सही तरीके से लागू करना निवारण तंत्रों का सही तरीके से काम करना एवं उनके बीच सामंजस्य होना जरुरी है. जबकि केयर इंडिया की लता ने घरेलू हिंसा के पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए सशक्त अभियान चलाने की आवश्यकता जतायी. संचालन बबीता ने किया. धन्यवाद ज्ञापन अर्चना ने किया. कार्यशाला में दिलीप कुमार, पप्पू कुमार आदि थे.