सिरसिया का अगलगी का पुराना रहा है इतिहास

पूर्व के वर्षों में भी होती रही है घटनाएंदैविक प्रकोप मान कर उपर वाले से निजात की विनती कर रहे लोगहसनपुर. प्रखंड के सिरसिया गांव प्रखंड का इकलौता गांव जिसे प्रखंड मुख्यालय से संपर्क करने के लिए नदी को पार करना पड़ता है. प्रखंड से कटे भटवन पंचायत का यह गांव जहां विकास के कार्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2015 6:04 PM

पूर्व के वर्षों में भी होती रही है घटनाएंदैविक प्रकोप मान कर उपर वाले से निजात की विनती कर रहे लोगहसनपुर. प्रखंड के सिरसिया गांव प्रखंड का इकलौता गांव जिसे प्रखंड मुख्यालय से संपर्क करने के लिए नदी को पार करना पड़ता है. प्रखंड से कटे भटवन पंचायत का यह गांव जहां विकास के कार्य करने मंे वैसे ही देरी होती है. वहीं प्रकृति भी इस गांव से काफी नाराज रहता है क्योंकि अग्निकांड से यहां का पुराना इतिहास बना हुआ है. इस गांव के लोगों को कभी बाढ़ से तो कभी अग्निकांड से तबाह होने की नियत सी बन गयी है. प्रत्येक वर्ष आने वाली इस विपदा से यहां के लोग उबरना चाहते है लेकिन प्रकृति की मार के आगे घुटने टेकने को मजबूर होते हैं. अग्निकांड यहां लगभग प्रत्येक वर्ष अपना तांडव दिखाती है यहां के लोग इसे इसे ऊपर वाले की नाराजगी का कारण बताते हुए इस मुसीबत से छुटकारा पाने की मन्नत मांगते रहते हैं. वर्ष 2005 में 65 घरों में, 2006 मंे 100 घरों मंे , 2007 में दो बार 150 व 52 घरों में , 2008 मे 10 घर के साथ एक बच्चा झुलस गया था. 2009 में 100 घरों मंे, 2011 में 211 घरों में आग लग गयी थी. इसी तरह 2013 में 185 घरों में 2015 में 130 घर अग्निकांड में जल कर खाक हो चुके हैं. ग्रामीण इस बात को लेकर काफी च्िंातित हैं कि प्रकृति की नाराजगी इस गांव पर से कब समाप्त होगी.

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