पानी पाकर निहाल हुए किसान, बिचड़ा गिराने का काम जोरों पर
मोरवा. किसानों की मानों मन की मरादें पूरी हो गयी. जिस तरह पानी पाकर तपती धरती का कलेजा ठंडा हो गया. उसी तरह किसानों के अरमान पूरे होने लगे हैं. धान के बीज खरीदने किसानों की भीड़ बीज दुकानों पर उमरने लगी है. दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से किसानों को बिचड़ा गिराने […]
मोरवा. किसानों की मानों मन की मरादें पूरी हो गयी. जिस तरह पानी पाकर तपती धरती का कलेजा ठंडा हो गया. उसी तरह किसानों के अरमान पूरे होने लगे हैं. धान के बीज खरीदने किसानों की भीड़ बीज दुकानों पर उमरने लगी है. दो दिनों से हो रही लगातार बारिश से किसानों को बिचड़ा गिराने के लिये पर्याप्त पानी मिल गया है. प्रखंड से मिले बीजों से किसान तकनीकी ढंग से खेतों में बिचड़ा तैयार करने की कवायद कर रहे हंै. मौसम के मिजाज को देखकर प्रखंड के कृषि विभाग को लगता है कि धान खेती का लक्ष्य जरूर पूरा होगा. बता दें कि प्रखंड क्षेत्र के करीब चार हजार एकड़ में धान की खेती का लक्ष्य रख गया है. इस अभियान में शामिल जीरो टिलेज और ट्रांसप्लांटर बाजी मारता दिख रहा है. कृषि अधिकारी लोकनाथ ठाकुर की मानें तो इसके शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हो चुकी है. हालांकि श्रीविधि और मुख्यमंत्री बीज विस्तार योजना अपने जगह पर आज भी कायम है लेकिन नये तकनीक को अपनाने की जागरूकता किसानों में ज्यादा दिखाई दे रही है. बाजार में उपलब्ध बीजों की कीमत सुनकर किसान एक बार जरूर सोचने को मजबूर हो जाते है क्योंकि एक किलो धान बीज की कीमत चालीस किलो धान के बराबर है. प्रखंड क्षेत्र में धान बीज की कीमत 200 से 280 रुपये किलो बतायी जा रही है.