पूर्व डीपीओ के लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं केआरपी
दिसंबर 2012 से नवंबर 2014 तक लंबित है मानदेय भुगतानसमस्तीपुर. जिले में साक्षरता का दर बढाने का जिम्मा जिन केआरपी व प्रखंड कार्यक्रम समन्वयकों को दी गयी थी. वे आज भी पूर्व डीपीओ के कार्यप्रणाली व लापरवाही का खामियाजा भुगतने को विवश हैं. बताते चलें कि 20 प्रखंड के केआरपी व बीपीसी का मानदेय भुगतान […]
दिसंबर 2012 से नवंबर 2014 तक लंबित है मानदेय भुगतानसमस्तीपुर. जिले में साक्षरता का दर बढाने का जिम्मा जिन केआरपी व प्रखंड कार्यक्रम समन्वयकों को दी गयी थी. वे आज भी पूर्व डीपीओ के कार्यप्रणाली व लापरवाही का खामियाजा भुगतने को विवश हैं. बताते चलें कि 20 प्रखंड के केआरपी व बीपीसी का मानदेय भुगतान राशि आवंटन के बावजूद लंबित पड़ा हुआ है. लंबित भुगतान के लिए मुख्य सचिव, डीएम से लेकर डीपीओ तक आवेदन देकर साक्षरता कर्मी गुहार लगा चुके हैं. लेकिन, पहल के नाम पर सिर्फ कोरम ही संचिकाओं पर पूरा किया जा सका है. बताते चलें कि इन साक्षरता कर्मियों का मानदेय दिसंबर 2012 से नवंबर 14 तक लंबित पड़ा है. हालांकि कई बार जन शिक्षा के निदेशक के द्वारा डीपीओ साक्षरता को पत्र निर्गत कर भुगतान करने का निर्देश भी दिया जा चुका है. बावजूद कार्रवाई की पहल अब तक लंबित है. इस संबंध में पूछने पर कुछेक प्रखंडों के केआरपी ने बताया कि तत्कालीन डीपीओ ने जानबुझकर साक्षरता कर्मियों का भुगतान लंबित रखा. क्योंकि कई प्रखंडों से उनके द्वारा किये गये कार्यकलापों की शिकायत वरीय पदाधिकारियों से की गयी थी. इधर, डीपीओ साक्षरता कार्यालय से जुड़े कर्मियों की माने तो हाल के दिनों में लंबित भुगतान की राशि देने के लिए केआरपी रेणु कुमारी व बीपीसी बबीता कुमारी को संचिकाबद्ध करने के लिए प्रतिनियुक्ति की गयी थी. संचिकाबद्ध की जा चुकी है. लेखापाल के मंतव्य के बाद वरीय पदाधिकारियों से भुगतान की सहमति प्राप्त की जायेगी.