आचार संहिता के मामले में 17 बाद सांसद हुए बरी
/रफोटो संख्या : 13रोसड़ा. सांसद रामचंद्र पासवान को 17 साल बाद मंगलवार को स्थानीय अपर मुख्य न्यायाधीश कृष्ण प्रताप सिंह ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए उन्हें बरी करने का आदेश दिया़ सांसद श्री पासवान ने कोर्ट में उपस्थित होकर अपने बयान में आचार संहिता उल्लंघन […]
/रफोटो संख्या : 13रोसड़ा. सांसद रामचंद्र पासवान को 17 साल बाद मंगलवार को स्थानीय अपर मुख्य न्यायाधीश कृष्ण प्रताप सिंह ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए उन्हें बरी करने का आदेश दिया़ सांसद श्री पासवान ने कोर्ट में उपस्थित होकर अपने बयान में आचार संहिता उल्लंघन करने से इनकार किया़ साथ ही कहा कि मेरे उपर लगाया गया आरोप गलत है़ न्यायाधीश ने सांसद के बयान के बाद उन्हें वरी करने का आदेश दे दिया़ सांसद के कोर्ट परिसर पहुंचने पर दर्जनों की संख्या में कार्यकर्ता एवं उनके सहयोगी मौजूद थे़ बता दें कि विगत 12़ 7़ 1998 को अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देशानुसार प्रखंड के महुली गांव में आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में पाया गया कि जद्दू दास के घर के निकट पेड़ पर एवं चंद्रशेखर यादव के घर के निकट जनता दल का बैनर लगाया गया था. इस पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार राम चंद्र पासवान के विरुद्घ बिहार संपत्ति विरुपण कानून 1989 की धारा 3(1) एवं धारा 425, 426, 427, 433 के तहत मामला दर्ज किया गया था. पोस्टर एवं लगाने के लिए घर वालों से अनुमति नहीं ली गयी थी. सूचक मोती चंद राम के बयान पर रोसरा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी़ इस मामले में दो बार सांसद की उपस्थिति नहीं होने पर उनकी जमानत रद्द कर दी गयी थी़ इस मौके पर रामाशंकर नायक, पप्पू सिंह, विनय सिंह , राज नारायण मंडल, संजय पूर्वे, वीरेंद्र प्रसाद , सचिन कुमार, हरि पासवान, शाहनवाज कैफी, अशोक पूर्वे, नूनू झा, संतोष राय, विमलेश चौधरी आदि उपस्थित थे़