RPCAUniversity, Pusa, Samastipur:Agriculture news: छात्र-छात्राओं को अनुसंधान के साथ खेती के व्यावहारिक पहलुओं से भी अवगत होने की जरूरत : वैज्ञानिक
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के 50 छात्र-छात्राओं ने गोरौल स्थित केला अनुसंधान केंद्र का भ्रमण किया.
RPCAUniversity, Pusa, Samastipur:Agriculture news: पूसा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के 50 छात्र-छात्राओं ने गोरौल स्थित केला अनुसंधान केंद्र का भ्रमण किया. जिसमें मुख्य रूप से आधार विज्ञान और मानविकी संकाय से जैव प्रौद्योगिकी में बीटेक कर रहे लगभग 50 छात्रों ने गोरौल से लौटने के उपरांत केले की खेती से मिलने वाले फायदे पर वैज्ञानिकों एवं किसानों के साथ विस्तार से चर्चा की. साथ ही उन्नत केले की खेती को राज्य के विभिन्न भू-भागों में किसानों के खेतों तक प्रचार प्रसार करने एवं उससे आय दिलाने की बात पर विशेष जोर दिया. जिसमें केले की विभिन्न प्रजातियों के अलावे वैज्ञानिकी रूप से किसानों का केले की खेती के साथ अन्य फसलों से भी आय दुगुनी करने की दिशा में भी पहल की. यह दौरा कृषि जैव प्रौद्योगिकी और आण्विक जीव विज्ञान में विशेषज्ञता रखने वाली वैज्ञानिक डॉ. कुमारी अंजनी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था. अपने दौरे के दौरान छात्र केले की खेती की बारीकियों के बारे में जानने के लिए उत्सुकता जाहिर किया. केला अनुसंधान केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी एवं पौधा रोग एवं सूत्रकृमि विभाग, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ. एसके सिंह ने केले के उत्पादन, संरक्षण और उपयोग प्रौद्योगिकियों में नवीनतम प्रगति पर एक व्यापक प्रस्तुति दी. यह सत्र अत्यधिक संवादात्मक था, जिसमें छात्रों ने उत्सुकता से प्रश्न पूछे और विषय के साथ अपनी समझ को और गहरा करने के लिए चर्चाओं में भाग लिया. इस दौरे ने छात्रों को केले के अनुसंधान और खेती के व्यावहारिक पहलुओं के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान की, जिससे कृषि जैव प्रौद्योगिकी में उनकी रुचि बढ़ी.
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