समस्तीपुर. वेतन के भुगतान में विलंब से समस्तीपुर स्थित एक दर्जन अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. सबसे अधिक मायूस अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षक और कर्मचारी हैं. जिनका रमजान का महीना चल रहा है. उनका कहना है कि ईद के एक दो रोज पहले अगर उनके वेतन का भुगतान होता भी है या फिर उन्हें पर्व के लिए कोई राशि दी जाती है तो इसका उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं मिल पायेगा. शिक्षकों ने बताया कि उन्हें पिछले मई और जून महीने के वेतन का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. जिसके फलस्वरुप उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है. खासकर कम वेतन पाने वाले सहायक प्रोफेसर की स्थिति तो सचमुच में ठीक नहीं कही जा सकती. कई शिक्षकों और कर्मचारियों ने कहा कि किसी न किसी कारण से उनके वेतन भुगतान में हर साल अनावश्यक विलंब किया जाता है. उन्होंने अविलंब वेतन भुगतान की मांग की है. संविदा पर बहाल स्कूली शिक्षकों की स्थिति तो और भी खास्ता है. तीन महीनों से लेकर छह महीनों तक के वेतन का भुगतान अलग अलग कोटि के संविदा पर बहाल शिक्षकों को नहीं किया गया है. नये वेतनमान की भी उन्हें प्रतीक्षा ही है. कई शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने कहा कि कम से कम जो पारिश्रमिक उन्हें फिलहाल मिल रहा है उसका तो भुगतान समय पर किया जाय. भूखा शिक्षक अपने छात्रों को कतई अपना बेस्ट नहीं दे सकता, स्थानीय शिक्षिका डा. अर्चना कुमारी ने कहा.
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वेतन भुगतान नहीं होने से कॉलेज व स्कूल शिक्षक मायूस
समस्तीपुर. वेतन के भुगतान में विलंब से समस्तीपुर स्थित एक दर्जन अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है. सबसे अधिक मायूस अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षक और कर्मचारी हैं. जिनका रमजान का महीना चल रहा है. उनका कहना है कि ईद के एक दो रोज पहले अगर उनके वेतन का भुगतान होता भी […]
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