नवजात शिशु के लिए स्तनपान एक घंटे के अंदर जरु री

सदर अस्पताल में कराया गया प्रायोगिक प्रशिक्षणपार्टिसपेटरी मोड की प्रशिक्षण संपन्नपूसा. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित गृह विज्ञान महाविद्यालय में चल रहे 29 जून से छह जुलाई तक चलने वाली पार्टिसपेटरी मोड की प्रशिक्षण संपन्न हुआ. इसकी अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. मीरा सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नवजात शिशु को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2015 7:04 PM

सदर अस्पताल में कराया गया प्रायोगिक प्रशिक्षणपार्टिसपेटरी मोड की प्रशिक्षण संपन्नपूसा. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित गृह विज्ञान महाविद्यालय में चल रहे 29 जून से छह जुलाई तक चलने वाली पार्टिसपेटरी मोड की प्रशिक्षण संपन्न हुआ. इसकी अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. मीरा सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि नवजात शिशु को जन्म के महज एक घंटे में ही अतिअवाश्यक रूप से मां का स्तनपान नितांत जरु री है. इससे आने वाले समय में शिशु के शरीर के आंतरिक भाग में रोगरोधी क्षमता का विकास संभव हो पाता है. इस मध्य स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र गृह विज्ञान महाविद्यालय का संचालन यूनिसेफ प्रायोजित है जो समय समय पर बिहार सरकार के माध्यम से नियुक्त सीडीपीओ एवं एलएस को सैद्धांतिक व प्रायोगिक प्रशिक्षण देने का कार्य करती है. खासतौर से सभी एलएस प्रशिक्षणार्थी को सदर अस्पताल समस्तीपुर में मूलत: शिशु वार्ड में प्रशिक्षण का अगला दौर संपन्न किया गया. बिहार सरकार की ओर से मॉडल के रूप में दो जिला वैशाली व सहरसा का चयन कर प्रथम चरण में कुपोषण मिटाने पर कार्य किया जा रहा है. इस प्रशिक्षण में 30 प्रशिक्षणार्थियों ने हिस्सा लिया. मौके पर ट्रेनर मृदुला चंद्र एवं हरिओम के अलावे डा. रोमा कुमारी, आरती कुमारी, वंदना कुमारी, आभा सिन्हा शामिल थे.

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