समस्तीपुर : बाढ़ हो या सूखाड़ की मार इसका सबसे अधिक नुकसान किसानों को ही होता है. फसलें तो तबाह व बर्वाद होती है. वहीं यह किसानों को कहीं का नहीं छोड़ती है.
उनकी आर्थिक स्थिति को यह नुकसान पहुंचा देती है. जिसका प्रभाव अगली फसल पर भी पड़ता है. जिला में फसल बीमा की रफ्तार धीमी ही पड़ी हुयी है.
जिला में अबतक 25 फीसदी ही किसानों के फसल का बीमा कराया जा सका है. फसल बीमा की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित है. इसके बाद भी अबतक इसकी स्थिति जस की तस है. फसल बीमा के लिये जिला का निर्धारित लक्ष्य 47 करोड़ रखा गया है. वहीं अबतक 11.50 करोड़ की राशि का ही बीमा कराया जा सका है.
लगभग 34 हजार किसानों में से फसल बीमा के लिये 8445 किसानों का बीमा किया गया है. इस बाबत जिला सहकारिता बैंक के शाखा प्रबंधक श्याम शंकर चौधरी ने बताया कि बैंक अपने स्तर से फसलों की बीमा कराने के लिये प्रयासरत है. सभी सात शाखाओं को इसके लिये आदेश दिया गया है.
वहीं बैंक अपने स्तर से भी किसानों से संर्पक कर उन्हें फसल बीमा कराने के लिये उत्साहित कर रहा है. बताते चलें कि जिला में अगहनी धान आदि फसलों का बीमा किया जा रहा है. बीमा की राशि का 2.5 फीसदी की दर से किसानों को इसके लिये राशि जमा करनी होती है.