रामकथा से अभिभूत हुए सुिध श्रोता

मोहनपुर : राम की गाथा एवं कथा ने एक साथ सजीव रूप धारण कर स्थानीय श्रोताओं को अभिभूत कर दिया़ मौका था प्रखंड क्षेत्र के जलालपुर गांव के काली मंदिर के प्रांगण में महाअष्टयाम यज्ञ के समापन का़ 24 घंटे के अष्टयाम यज्ञ के बाद यहां भक्तों ने लम्बे समय से कथा प्रवचन की एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2015 5:42 AM

मोहनपुर : राम की गाथा एवं कथा ने एक साथ सजीव रूप धारण कर स्थानीय श्रोताओं को अभिभूत कर दिया़ मौका था प्रखंड क्षेत्र के जलालपुर गांव के काली मंदिर के प्रांगण में महाअष्टयाम यज्ञ के समापन का़ 24 घंटे के अष्टयाम यज्ञ के बाद यहां भक्तों ने लम्बे समय से कथा प्रवचन की एक परम्परा बना रखी है़

मूल रूप से हसनपुर (वैशाली) गांव के रामभवन सिंह तथा चांदपुर धमौन गांव के राजवली राय इस परमपरा के सुत्रधार की भूमिका का निर्वहन करते थे़ दो दशक पूर्व रामभवन सिंह की मृत्यु हो गयी एवं पांच दशक पूर्व रामवली राय भी चल बसे़ तब से स्थानीय कीर्तन गायकों एवं दूर दराज के गाथा प्रवाचकों का आगमन इस क्षेत्र में होता रहता है़

इसी क्रम में समस्तीपुर की वीणा कुमारी एवं नेहा कुमारी ने रामकथा की मार्मिक प्रस्तुति की. बिना तामझाम एवं दृष्य परिवर्तन के यह लोक गायन की एक विशिष्ट शैली है जो विगत सालों में विलुप्ति के कगार पर दिखे जा रहे है़ इस कार्यक्रम में नन्द किशोर राय, शिक्षक वीरेन्द्र कुमार राय, डाॅ विमलेन्द्र कुमार बाबुल, अरविन्द कुमार बुलबुल, रविन्द्र राय, सोनी राय, राजनन्दन राय, राम किशोर राय, शिव शंकर राय, गंगा सागर राय, गणेश कुमार, राज किशोर राय, जितेन्द्र कुमार राय, अमिलाभ कुमार राय, विनोद राय उर्फ भीम बाबू आदि सक्रिय भूमिका निभायी़

पूजा को ले हुई बैठक: खानपुर. प्रखंड के विक्र मपट्टी भोला चौक पर मां काली की पूजा को लेकर ग्रामीणों व समिति सदस्यों की एक बैठक हुई. अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष गुणेश्वर प्रसाद यादव ने की. बैठक में विधि व्यवस्था व पूजा के दौरान शान्ति व्यवस्था बनाये रखने पर चर्चा की गयी. साथ ही हर साल की भांति इस वर्ष भी वृहत पैमाने पर मेला व छोटे बड़े झूला लगवाने पर विचार विमर्श किया गया. मौके पर कमेटी के सचिव राम विलास सहनी, कोषाध्यक्ष कमलेश प्रसाद यादव, राधे महतो, देवी यादव, रघुनन्दन सहनी, सूरज यादव, आरसी प्रसाद यादव, नुनूलाल सहनी, जगदेव राय, दिनेश महतो, दिनेश सहनी, विजय सहनी आदि थे.

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