कार्टूनों से होती है विचारों की अभिव्यक्ति : डीपीआरओ

समस्तीपुर : कार्टून विचारों की अभिव्यक्ति का मुख्य साधन है. चित्रों के माध्यम से लोगों के गुण दोष का आसानी से चित्रण किया जा सकता है. ऐसे लोग जिन्हे शिक्षा मिल नहीं पायी वह भी आसानी से कार्टूनों की भाषा को समझ जाते हैं. व्यंग के साथ ही संवेदनशील मुद्दों के लिये कार्टून एक अहम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2015 5:19 AM

समस्तीपुर : कार्टून विचारों की अभिव्यक्ति का मुख्य साधन है. चित्रों के माध्यम से लोगों के गुण दोष का आसानी से चित्रण किया जा सकता है. ऐसे लोग जिन्हे शिक्षा मिल नहीं पायी वह भी आसानी से कार्टूनों की भाषा को समझ जाते हैं.

व्यंग के साथ ही संवेदनशील मुद्दों के लिये कार्टून एक अहम मंच है. उक्त बातें जिला जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने प्रेस दिवस पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुये सोमवार को कही. सूचना व जनसंपर्क विभाग की ओर से योजित इस समारोह में उन्होंने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता पर अधिक जवाबदेही है.भाषा और साहित्य की स्वतंत्रता व निर्भीकता पत्रकारिता पर ही निर्भर है. लोग आज एक जिम्मेदार पत्रकारिता की आकांक्षा करते हैं. इसलिये मर्यादा के साथ ही जवाबदेही का सामंजस्य जरुरी है.
उन्हाेंने बताया कि प्रेस भवन को पूरा होने में एक माह का और वक्त लगेगा. ग्राउंड फ्लोर का निर्माण का काम पूरा हो चुका है. वहीं गिरिजानंदन शर्मा ने कहा कि आज के दौर में पत्रकारिता के मूल्यों में तेजी से गिरावट हुयी है. पहले यह समाज का दर्पण होती थी. अब इसमें व्यवसायिकता ने अपनी जगह बना ली है. यह पत्रकारिता को चुनौती दे रही है. बताते चलें कि इस बार प्रेस दिवस वरिष्ठ कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण व राजेंद्रपुरी को समर्थित रहा है.

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