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4000 परिवारों के निवाले पर संकट

समस्तीपुर/ कल्याणपुर : जिले के एकमात्र उद्योग रामेश्वर जूट मिल पिछले 17 अक्तूबर से बंद है. इसके कारण मिल से जुड़े करीब चार हजार परिवारों के निवाले पर अब संकट मंडराने लगा है. मजदूरों की मानें तो मिल खुलने की आस में ही दुर्गापूजा, दीपावली और छठ बीत गया. लेकिन मिल खोलने को लेकर प्रबंधन […]

समस्तीपुर/ कल्याणपुर : जिले के एकमात्र उद्योग रामेश्वर जूट मिल पिछले 17 अक्तूबर से बंद है. इसके कारण मिल से जुड़े करीब चार हजार परिवारों के निवाले पर अब संकट मंडराने लगा है.

मजदूरों की मानें तो मिल खुलने की आस में ही दुर्गापूजा, दीपावली और छठ बीत गया. लेकिन मिल खोलने को लेकर प्रबंधन की ओर से अबतक कोई सार्थक पहल नहीं की गयी है. वही जिला प्रशासन ने भी फिलहाल इसको लेकर चुप्पी साध रखी है. मिल की बंदी को लेकर प्रबंधन और मजदूरों के अपने अपने तर्क है. मिल प्रबंधन जहां बंदी के लिये मजदूरों के द्वारा कम उत्पादन को जिम्मेवार ठहरा रहा है.

वहीं मजदूरों का कहना है कि प्रबंधन ने मिल बंद होने से एक माह पूर्व ही कच्चा माल खरीदना बंद कर दिया था और साजिश के तहत मिल को जानबूझ कर बंद किया है. वैसे सच्चाई जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि मिल के बंद होने से इससे जुड़े मजदूरों के परिवार प्रभावित हो रहे है.
सूत्रों की मानें तो घटिया माल की सप्लाई के कारण अधिकांश कंपनियों से आर्डर रद्द कर दिया और एसएफसी ने चुनाव के कारण नया आर्डर नहीं दिया. 19 और 20 अप्रैल 14 को लगी आग में अधिकांश लूम जल गये थे. जिसके कारण मिल का उत्पादन भी कम हो रहा था.
मजदूरों के एक धड़े का आरोप है कि प्रबंधन द्वारा बाजार से बैग की खरीदारी कर उसे रिसाइकलिंग कर कंपनियों को आपूर्ति की जा रही थी. इस कारण कंपनियों से मिल के साथ अनुबंध को रद्द कर दिया. हालांकि प्रबंधन इस आरोप को सिरे से नकारता है.

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