शिक्षकों के प्रमाण पत्रों पर निगरानी की पैनी नजर
समस्तीपुर : अगर आपने नियोजन के समय रोस्टर में गड़बड़ी कर शिक्षक अथवा शिक्षिका की नौकरी प्राप्त कर ली है तो हो सकता है आपको लेने का देना पड़ सकता है. आपकी नौकरी खतरे में है और इंटेलिजेंस की पैनी नजर आपके द्वारा सौंपी गयी प्रमाण पत्रों पर लगी हुई है. पूरे जिले में कार्यरत […]
समस्तीपुर : अगर आपने नियोजन के समय रोस्टर में गड़बड़ी कर शिक्षक अथवा शिक्षिका की नौकरी प्राप्त कर ली है तो हो सकता है आपको लेने का देना पड़ सकता है. आपकी नौकरी खतरे में है और इंटेलिजेंस की पैनी नजर आपके द्वारा सौंपी गयी प्रमाण पत्रों पर लगी हुई है.
पूरे जिले में कार्यरत वैसे शिक्षकों में फिलहाल हड़कंप का माहौल है जिन्होंने 2006 या उसके बाद के नियोजन में पंचायत सचिव ,मुखिया व स्थानीय बिचौलियों को मेल में लेकर मोटी राशि खर्चकर बड़ी आजादी के साथ शिक्षक की नौकरी प्राप्त कर ली थी और आज मजे से वेतनमान का सुख भोग रहे हैं. उन दिनों ऐसा माहौल था कि मानों पैसे के लेन देन पर मुखिया जी शिक्षकों की नौकरी की रेविड़यां बांटते नजर आते थे.
रोस्टर में हेरफेर की बात तो दूर कई मामले में तो मैट्रिक पास किये बिना शिक्षकों ने आसपास के गांवों में संचालित होने वाले इंटर कॉलेज से डिग्रियां खरीदकर शिक्षक की नौकरी ले ली.
उस समय योग्यता रहने के बावजूद हजारों योग्य लोग शिक्षक बनने से वंचित रह गये और उनकी जगह फर्जी डिग्रीधारक लोग मोटी रकम खर्च कर रातों रात शिक्षक या शिक्षिका के रूप में नियोजित हो गये. जिनके अंदर हजार दो हजार कमाने की योग्यता नहीं है वे आज बड़े मजे से बारह से सतरह हजार की राशि बतौर वेतन उठा रहे हैं.