प्रकाश कुमार, समस्तीपुर: जिले के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 69,438 छात्र- छात्रा संदेह के घेरे में आ गए हैं, क्योंकि ई-शिक्षा कोष पर इंट्री में इनका आधार नंबर अपलोड नहीं किया गया है. वहीं, 71,783 ऐसे विद्यार्थी है जिनका आधार मिसमैच कर रहा है. यह स्थिति जिले के सरकारी विद्यालयों की तब है, जब विगत एक साल पूर्व चालीस हाई स्कूलों में आधार कार्ड बनाने के लिए केंद्र की स्थापना की जा चुकी है. सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आधार सीडिंग अनिवार्य कर दिया गया है. इससे बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में सुविधा होगी. वहीं, दोहरे नामांकन कराने वाले बच्चे पकड़े जाएंगे. ऐसे बच्चों को चिह्नित करने में भी आसानी होगी, जिन्होंने अपना नामांकन तो सरकारी विद्यालय में कराया हुआ है और पढ़ाई निजी विद्यालय में कर रहा है.
डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि बताया कि बच्चों के आधार कार्ड बनवाने में उनके अभिभावकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए जिले के प्रत्येक प्रखंड के दो हाई स्कूल में आधार केंद्र काम कर रहे हैं. दोनों ही आधार केंद्र हर प्रखंड के दो अलग-अलग स्कूल में चल रहे है. अभिभावक व छात्र जागरूकता के साथ आधार कार्ड बना ले. इधर अभिभावकों का कहना है कि जन्म प्रमाणपत्र नहीं बन रहा है, इसलिए आधार कार्ड बनवाने में परेशानी हो रही है. सरकार ने इस समस्या का भी निदान निकाल दिया है. कहा कि फिलहाल बिना आधार कार्ड के ही ई शिक्षा कोष पोर्टल पर इंट्री हो सकती है. साथ ही नसीहत अभिभावकों को दी गयी है कि जल्द आधार कार्ड बनवा विद्यालय को उपलब्ध कराये.Aadhar card: योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार हुआ अनिवार्य
राज्य सरकार द्वारा पहली से आठवीं कक्षा के छात्र- छात्राओं के लिए पोशाक योजना लागू है. नौवीं से 12वीं कक्षा की छात्राओं के लिए भी पोशाक योजना संचालित है. नौवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए साइकिल योजना लागू है. सातवीं से 12वीं कक्षा की छात्राओं के लिए नैपकिन योजना लागू है. इसके साथ छात्रवृत्ति समेत कई और योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं की राशि डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं के खाते में हस्तांतरित की जाती है. इन योजनाओं की राशि लेने के लिए निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के भी नाम उनके अभिभावकों द्वारा सरकारी स्कूलों में लिखा दिया जाता है.Aadhar card:10 रुपये के साथ संबंधित प्रखंड कार्यालय में आवेदन देना होगा
इधर, विद्यालयों में नामांकित बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र देना अनिवार्य है. जन्म प्रमाण-पत्र की जरूरत को देखते हुए बिहार सरकार के अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के निदेशक- सह- मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) ने डीएम को आदेश जारी किया है. बिहार सरकार के अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय से निर्गत पत्र के अनुसार जन्म की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण के लिए बच्चे के माता-पिता या उनकी अनुपस्थिति में नजदीकी व्यस्क रिश्तेदार द्वारा प्रारूप संख्या-एक जन्म रिपोर्ट, स्वघोषणा पत्र, आवेदक का आधार, पहचान- पत्र एवं विलंबित शुल्क एक वर्ष के ऊपर जन्म की स्थिति में 10 रुपये के साथ संबंधित प्रखंड कार्यालय में आवेदन देना होगा. प्रखंड विकास अधिकारी-सह- अपर जिला रजिस्ट्रार अपने स्तर से प्राप्त सभी आवेदनों की शुद्धता की सत्यापन के बाद आदेश जारी करेंगे. बीडीओ से प्राप्त आदेश के बाद आवेदन संबंधित प्रखंड के संबंधित ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सहायक सांख्यिकी अधिकारी प्रखंड सांख्यिकी अधिकारी को उपलब्ध कराने को कहा गया है. पत्र के अनुसार यदि बच्चे का जन्म पूर्व में संस्थागत अर्थात सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में हुई है तो उस बच्चे का जन्म रजिस्ट्रीकरण संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अनुमंडल अस्पताल, रेफरल अस्पताल , सदर अस्पताल के स्तर से किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है