समस्तीपुर : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने तीस से अधिक गलतियां करने वाले 36 ऑपरेटरों को एक साल के लिए हटाते हुए 7 लाख 49 हजार जुर्माना लगाया है. जानकारी के मुताबिक आधार कार्ड बनाने के दौरान त्रुटिपूर्ण कार्य किये जाने के बाद यह कार्रवाई को गयी है. वहीं, कुछ ऑपरेटरों में इस कार्य से जुड़े हुए ज्ञान न होने की भी बात सामने आयी है. उन्हें फिर से ट्रेनिंग देने का भी आदेश दिया गया है. इलेक्ट्राॅनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के यूआईडीएआई के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के उप निदेशक ने इन ऑपरेटरों द्वारा की गयी गलतियों को पकड़ी है. ये ऑपरेटर यूआईडीएआई की मानक संचालन प्रक्रिया का उल्लंघन कर आधार कार्ड बना रहे थे. सभी ऑपरेटरों की सूची जिला शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध कराते हुए एक सप्ताह के अंदर जुर्माना की राशि वसूलते हुए निर्देशानुसार खाते में जमा करने को कहा गया है. इधर, बताते चलें कि करीब 95 हजार से अधिक बच्चे अब भी आधार कार्ड से वंचित हैं. जिले के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले इन बच्चों का आधार कार्ड अब तक नहीं बन पाया है. इस आधार कार्ड के बिना बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. आधार कार्ड निर्माण में शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी की विफलता के बाद जिलाधिकारी को इस समस्या के समाधान का जिम्मा सौंपा है. बच्चों के नाम और विवरणों की सूची डीएम को भेजी गई है. इन बच्चों का आधार कार्ड बनाने और इसकी प्रविष्टि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. एसीएस डॉ. एस. सिद्धार्थ ने डीएम से 15 दिनों में यह कार्य पूरा करने का आग्रह किया है. आधार पंजीकरण में सबसे बड़ी समस्या जन्म प्रमाण पत्र की जटिल प्रक्रिया है. बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनाने में लगने वाले समय और जटिल प्रक्रियाओं के कारण आधार कार्ड निर्माण में देरी हो रही है. प्राइमरी स्कूलों से लेकर प्लस टू स्कूलों में नामांकित बच्चों के आंकड़ों की इंट्री ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर हो रही है. यह कार्य तेजी से हो रहा है. इसे निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाना था लेकिन इसमें आधार कार्ड नहीं होना अथवा त्रुटि पूर्ण होना आड़े आ रहा है. इसके बिना इस पोर्टल पर इंट्री संभव नहीं है. आधार कार्ड बनवाने से लेकर त्रुटियों का निराकरण करना आम लोगों के लिए टेढ़ी खीर है. ज्ञातव्य है कि इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र का होना अनिवार्य है. जन्म प्रमाण पत्र बनाने की जटिलताओं के कारण अधिकतर बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है जिस कारण बच्चों का आंकड़ा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर इंट्री नहीं हो पा रहा है. तत्कालीन राज्य निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी ने जिलाधिकारी से कहा था कि अपने स्तर से जन्म प्रमाणपत्र बनाने वाले संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जाये, जिससे स्थानीय स्तर पर सभी बच्चों का आधार कार्ड सुगमतापूर्वक बनाया जा सके. ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड किया जा सके. बावजूद इसके निर्माण में गति नहीं आ रही है.
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