समस्तीपुर : जिले में सरकारी स्तर पर देरी से धान खरीद शुरू होने के कारण किसानों का काफी नुकसान हुआ है. किसानों से अभी तक सिर्फ 5093.85 एमटी धान की खरीद हो सकी है. जबकि 60 हजार 300 मीट्रिक टन धान की खरीद करने का लक्ष्य सरकारी स्तर पर तय किया गया है. विभाग के आंकड़े के मुताबिक अब तक 20 प्रखंड़ के 847 किसानों द्वारा ही धान क्रय केंद्र तक पहुंचाया गया.
सूत्रों की मानें तो 27 फीसदी किसान बिचौलिये से धान बेच चुके है.सरकारी स्तर पर पांच दिसंबर से धान की खरीद होनी थी. लेकिन निर्धारित तिथि के बाद भी धान की खरीद सरकारी स्तर शुरू नहीं हो सकी थी. पैक्स द्वारा धान क्र य केंद्र खोला गया है. लेकिन अधिकांश किसानों ने मजबूर होकर अपना सारा धान बिचौलियों के हाथ बेच दिया है. अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि पैक्स धान खरीद करेगी तो यह धान किसका होगा. किसानों को आरोप है कि जान बूझ कर देरी से धान क्रय केंद्र खोला गया है.
जिले में किसानों से धान खरीद शुरू होने के 51 दिन बाद सिर्फ 5093.85 एमटी धान की खरीद ही हो सकी है. सरकारी स्तर पर धान की खरीद करने के लिए पांच दिसंबर से 31 मार्च तक की तिथि सरकार द्वारा निर्धारित की गई है.किसानों से इसबार सहकारिता विभाग द्वारा 60 हजार 300 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद सरकारी स्तर पर की जानी थी.
इसके लिए राज्य सरकार ने साधारण धान के लिए 1410 रु पये एवं ग्रेड ए धान के लिए 1450 रु पये का दर तय किया गया था. लेकिन पंचायत स्तर पर समय से धान क्र य केंद्र नहीं खुलने की वजह से किसानों ने अपना सारा धान बिचौलिये के हाथ 900 से एक हजार रु पये प्रति क्विंटल बेच दिया. इससे किसानों को करीब चार सौ से पांच सौ रु पये प्रति क्विंटल का नुकसान हुआ है. किसानों का आरोप है कि अब धान क्रय केंद्र खोल कर केवल आंकड़े बाजी खेल खेला जायेगा. वास्तविक किसानों ने तो अपना सारा धान बिचौलिये हाथ बेच दिया है. अब बिचौलिये से धान खरीद कर आंकड़ों को बढ़ाया जायेगा.